Visitor
Friday, September 27, 2013
जाट केवल जाट
जाट केवल जाट होते हैं, वो किसी धर्म या पंथ के बंधक नहीं होते। क्योंकि जाट एक "बेबाक सोच" है, एक "आजाद विचार" है, जिसका आधार सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक "न्याय" है।
हम किसी के थोथे विचारों से प्रभावित नहीं होते।
हम किसी के साथ अन्याय नहीं देख सकते।
हम किसी प्रकार की गुलामी नहीं कर सकते।
हम निजीस्वार्थ के लिए अपना विवेक नहीं खो सकते।
हम "जातिवादी" नहीं है, हम शोषक के खिलाफ हैं और शोषित के साथ हैं।
अगर कोई धर्म-पंथ इसको प्रभावित करता है तो उस धर्म-पंथ के लोग जाट नहीं हो सकते।
Vivek Beniwal
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment