"रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है..."
"रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है,
जलती सारी दुनिया हमसे फिर भी सर पर ताज है,
डरता कभी न मेहनत से, रहता हमेशा बिंदास है,
वैसे तो है सीधा साधा, अंदाज भी बड़ा ख़ास है,
लेकिन कोई अगर गलत करे तो करता उसका नाश है,
सची इसकी दोस्ती साचा इसका प्यार है,
मीठे बोल बोलदे कोई जाट बन जाता उसका यार है,
रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है,
सही-सही काम करता हमेशा, बड़ो को इस पर नाज है,
हर कोई खुश हो जाये हमेशा करता ऐसा काज है,
गलत काम करने में आती इसको हमेशा लाज है,
रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है..."
साभार ::
सुनील दहिया
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