जाटों याद करो तुम उन महान बलिदानों को।
देश के खातिर जान लुटाई, देश की उन संतानों को।
जिनके कारण तान कर छाती खड़ा यह पर्वतराज है।
जिनके चलते सबके सर पर आज गोरव का ताज है।
महाकाल भी काँपा जिनसे मौत के उन परवानों को।
जाटों याद करो तुम उन महान बलिदानों को।
देश के खातिर जान लुटाई, देश की उन संतानों को।
जिनके कारण तान कर छाती खड़ा यह पर्वतराज है।
जिनके चलते सबके सर पर आज गोरव का ताज है।
महाकाल भी काँपा जिनसे मौत के उन परवानों को।
जाटों याद करो...
देख कर टोली देव भी बोले देखो-देखो जाटवीर चले।
गर पर्वत भी आया आगे, पर्वत को वो चीर चले।
जिनसे दुश्मन डर कर भागे ऐसे वीर जाट जवानों को ।
जाटों याद करो...
जिनने मौत का गीत बजाया अपनी साँसों की तानों पर।
पानी फेरा सदा जिन्होंने दुश्मन के अरमानों पर।
मेहनत से जिनने महल बनाया उजड़े हुए वीरानों को।
जाटों याद करो...
हँस-हँस कर के झेली गोली जिनने अपने सीनों पर।
अंत समय में सो गए जो रख कर माथा संगीनों पर।
शत-शत नमन कर रहा है मन मेरा ऐसे कोम के जाट
दीवानों को।
जाटों याद करो...
जय जाट
वंदेमातरम्
Courtsey:: Jaivir Lathwal Jat
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