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Monday, November 18, 2013

क्या देश जाटों के बगैर चल सकता है ?



भारत वर्ष कि अगर जाटविहीन होने कि कल्पना करे तो ये देश तो रहेगा लेकिन ये देश जाटों के बिना कभी सुचारु रूप से नहीं चल सकता । देश को कृषि प्रधान का दर्ज दिलाने वाला भी जाट है । कृषि क्षेत्र में जाट बहुल इलाकों ने देश में अपना झंडा गाड़ा है । बात गेहूं कि हो या चावल कि या बाजरा ,गन्ने या कपास कि जाट बहुल राज्यों ने देश कि खाने और पहनने कि व्यवस्था कि है । जब खेल कि बात आती है तो जाटों ने सरदार बलबीर सिंह ,सरदार उधम सिंह ,साइना नेहवाल ,विजेंदर सिंह बेनीवाल ,वीरेंदर सहवाग ,सुशील कुमार सोलंकी , अमित दहिया ,दिनेश सांगवान ,बजरंग पुनिआ ,स्वर्ण सिंह विर्क ,मानवजीत सिंह संधु ,अवनीत सिद्धू ,युवराज सिंह जैसे खिलाडी दिए है । विज्ञानं कि बात कि जाए तो वो जाट डॉ रामधन हूडा ही थी जिन्होंने गेहूं कि हाइब्रिड फसल इजाद कर हरित क्रांति को सफल बनाने में अहम् भूमिका निभाई ,और तो और डॉ पिआरा सिंह गिल ने तो मैनहैटन बम प्रोजेक्ट में काम किया है जो कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि है ,श्री ईश्वर सिंह कुंडू ने हर्बल पेस्टिसाइड का निर्माण कर किसानो के लिए पेस्टिसाइड रहित खेती का मार्ग खोला है ,पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और चौधरी चरण सिंह हरयाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को एशिया कि शीर्ष एग्रीकल्चरल विश्वविद्यालयों में अंगित करने में जाटों का बड़ा योगदान है । अब बात है फ़ौज कि। जाट रेजिमेंट ,सिख रेजिमेंट ,ग्रेनेडियर्स ,पैराशूट रेजिमेंट ,राजपुताना राइफल्स में और तोपखाना में जाटों कि भरमार है (जाट और सिख रेजिमेंट में जाट और जट्ट सिख शत प्रतिशत है ) । जब -जब देश पर खतरा मंडराया तब तब जाट वीरों ने देश कि रक्षा कि और अपनी प्राण कि आहुति देने में तनिक भी देरी नहीं कि । लेफ्टिनेंट बलवान सिंह ,हवलदार शीश राम गिल ,फ्लाइट लेफ्टिनेंट निर्मलजीत सिंह सेखों ,सिपाही भूपेंद्र सिंह चौधरी ,शेफाली चौधरी सरीखे जाटों ने शहीद होकर देश के आबरू कि हिफाज़त कि । हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि देश को आज़ाद कराने में भी जाटों ने अहम् भूमिका अदा कि ; शहीद भगत सिंह ,शहीद करतार सिंह सराभा ,शहीद महाराजा नाहर सिंह ,महाराजा महेंद्र प्रताप ,कर्नल दिलसुख ,जनरल मोहन सिंह ,गुरबक्श सिंह ढिल्लों जैसे महान क्रन्तिकारी इस क़ौम ने दिए है । अब इतिहास कि बात करे तो देखेंगे कि भारतवर्ष को गौरव प्रदान करने वाला अनेक महाराजाओं ने इस भूमि पर जनम लिया । महाराजा हर्षवर्धन ,महाराजा रणजीत सिंह ,महाराजा सूरजमल ,महाराजा जवाहर सिंह ,महराजा भीम सिंह राणा जैसे महाराज जाटनी कि कोख से जन्मे है । समाज सुधार कि तरफ आये तो समाज को जागरूक करने में स्वामी केशवानंद ,भगवान देव आचार्य ,जथेदार जोगिन्दर सिंह वेदांती ,स्वामी स्वतंत्रानन्द और स्वामी इंद्रवेश जैसे समाज सुधारक जाट क़ौम में हुए । अध्यात्म कि बात करे तो बाबा बुढ्ढा जी ,गुरु जसनाथजी महाराज ,धन्ना भक्त ,भक्त फूलबाई ,भक्त रानाबाई ,संत गरीब दस जैसे तपस्वी इस क़ौम में हुए है । यानि किसी भी क्षेत्र में चाहे वो कृषि हो ,सेना हो ,खेल हो ,अनुसन्धान हो या अध्यात्म हो जाटों ने भारत को पूरी तरह से तृप्त किया है और इस देश को अगर जाटविहीन होने कि कल्पना करे तो एक बदहाल ,बीमार और लाचार देश कि छवि उभरेगी ।
 
लेखक : अमनदीप सिंह नैन
 

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