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Sunday, November 24, 2013

एक फौज़ी की अरदास आप सब को

सभी मित्रोँ से हाथ जोडकर निवेदन है LIKE करेँ ना करेँ, SHARE करेँ ना करेँ, पर पोस्ट जरुर को पूरा पढेँ...

जब कभी आप खुलकर हंसोंगे,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना...
जो अब कभी नही हँसेंगे...
जब आप शाम को अपने घर लौटें,
और अपने अपनों को इन्तजार करते हुए देखे,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना...
जो अब कभी भी मेरा इन्तजार नही करेंगे...
जब आप अपने परिवार के साथ खाना खाएं
तो मेरे परिवार को याद कर लेना...
जो अब कभी भी मेरे साथ खा नही पायेंगे...
जब आप अपने बच्चो के साथ खेले,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना...
मेरे बच्चों को अब कभी भी मेरी गोद
नही मिल
पाएंगी...
जब आप सकून से सोयें
तो मेरे परिवार को याद कर लेना...
वो अब भी मेरे लिए जागते है...
मेरे देशवाशियों ;
शहीद हूँ मैं,
मुझे भी कभी याद कर लेना...
आपका परिवार आज जिंदा है ;
क्योंकि ,
नही हूँ...आज मैं !!!!!
शहीद हूँ मैं…………..
किसी के पास हैँ शहीदोँ के जवाब??? कौन
नहीँ चाहता जीना ये हमारे जवान
अपनी माँ अपने बच्चे परिवार सबकुछ
छोडकर
चले जाते हैँ क्यूँ?
क्या इन्हेँ अपनी जिन्दगी से प्यार
नहीँ होता अपने परिवार से प्यार
नहीँ होता?
मेरे भाईयोँ होता है प्यार होता है लेकिन
इनके
लिये अपने देश और अपने देशवासियोँ से
बढकर
कुछ नहीँ होता ये अपना सबकुछ छोडकर चले
जाते हैँ तो सिर्फ हमारे लिये ताकि आज हम
अपने परिवार के साथ खुश रह सकेँ।
और फिर बात आती है कि ये तो अपनी जान
तक
भी दे जाते हैँ हमारे लिये हमारे देश के लिये
और
हम?
हम क्या करते हैँ इनके लिये?
क्या करते हैँ देश के लिये?
नहीँ नहीँ नहीँ कुछ नहीँ करते हम कुछ
भी नहीँ और तो और जो चले गये हमारे लिये
और
जिनकी वजह से आज हम सुरक्षित हैँ अपने
घरोँ मेँ आज उनके लिये इतना समय
भी नहीँ है
हमारे पास कि एक पल के लिये भी उन्हेँ
याद कर
लेँ।
सच बताऊँ तो हम भूल चुके
उनकी कुर्बानी देश
कहीँ जाओ हमेँ क्या मतलब हमेँ तो बस खुद से
मतलब है स्वार्थी हैँ हम।
ये सच है- आज का युवा जान देता है रोज
ना जाने कितने रेल के नीचे आकर
फाँसी लगाकर
जहर खाकर मर हैँ पता है क्यूँ?
अपनी प्रेमिकाओँ के लिये।
थू थू थू
मेरे दिल मैँ इन लोगोँ के लिये कोई सम्मान
नहीँ है
बेहतर समझता हूँ ऐसे लोगोँ का तो मर
ही जाना और ना ही मुझे अफसोस है कि इन
लोगोँ ने कुछ नहीँ किया देश के लिये? अरे
जरा सोचो क्या कर भी क्या सकते हैँ ये
लोग देश
के लिये अपनी माँ के ना हुऐ तो देश के
क्या होते?
अब जरा एकबार ऊपर चित्र पर ध्यान देँ
और
मुझे बतायेँ क्या लगा आपको ये देखकर?
भाईयोँ मुझे गर्व खुद पर क्योँकी मेरी आँखे
भर
आती हैँ अपने शहीद जवानोँ के बारे मेँ
सुनकर...
कोई कहीँ जाये लेकिन मैँने तो कसम
खा ली है मैँ
भारत माता के इन
शेरोँ की कुर्बानी जाया नहीँ जाने दुँगा। ये
मेरा भाग्य है के आज इतने लोगोँ के बीच मैँ
अपनी बात रख पा रहा हूँ फिर एक बार
कहना चाहूँगा उन मित्रोँ से
जो प्रेमी प्रेमिकाओँ
के प्यार मेँ डूबे हैँ मेरे भाईयोँ जितने आशूँ आप
इनके लिये बहा देते हैँ इतने आँशू शहीदोँ के
लिये
बहाकर देखो क्या होता है।
आपको भी मेरी तरह गर्व होगा खुद पर
कितना उठ जायेँगेँ आप खुद की नजरोँ मेँ।
इतना प्यार करो अपने भारत से कि इनके
लिये
प्यार बचे ही ना। कितना फर्क होता है
उन
दो इन्सानोँ मेँ जिनमेँ एक तो अपनी भारत
माता के लिये सीने पर गोली खा के
हमेशा के लिये
अमर हो जाता है और एक अपने प्यार मेँ रेल
से
कटकर मर जाता है? अरे कौन पूछता है उस
मज्नू
को जो रेल से मरता है को हाथ
भी नहीँ लगाता और जो शेर शहीद होकर
तिरंगे मेँ
लिपट कर आता है अगर कोई छू भी ले
उसकी लाश को तो ये उसका बडा भाग्य
होता है।
कितने दिन लोग उस आशिक को याद करते हैँ
और कितने दिन उस शहीद को?
क्या बात शहीद के बारे मेँ होती हैँ
क्या बात उस
कायर के बारे मे? ये बताने की जरुरत
नहीँ है सब
जानते हैँ कि कायरोँ की तरह मरने और
शहीद
होने मेँ कितना बडा अन्तर होता है।
देश के लिये शहीदोँ के लिये लिखते लिखते
इतना भावुक हो जाता हूँ के
पता ही नहीँ चलता कितना लिख दिया।
लिख
तो और भी बहुत कुछ सकता था और
लिखना भी चाहता था पर
नहीँ लिखा क्योँकी-
ये भी सच है-
आज लोगोँ के पास समय नहीँ देश के लिये
पढने
के लिये जिसमेँ लेख भी इतना बडा हो अगर
एक
भी भाई ने इसे पूरा पढ लिया और एक
भी भाई
कि सोच थोडी भी बदल गई इसे पढके तो मैँ
समझुंगा के मेरी महनत मुझे मिल गयी पर
मित्रोँ विचार जरूर करना और ये पढकर
जो लोग
मेरे साथ हैँ जरूर बताना... अगर लेख पसन्द
आये
तो कमेंट  भी कर देना...

  भारत माता की जय
 
 Bravo
वंदे मातरम!   जय हिंद !!

   भारतीय सेना
 

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