भाइयो देखो ध्यान से जर्जर मकान कुछ कह रहा है
भाइयो
देखो ध्यान से,ये जर्जर हुआ मकान हमें कुछ कह रहा है, हमने क्या
कुर्बानियां दी और हमें क्या मिला, देखो एक और संधु गोत्री जाट भगत सिंह ने
अपने प्राण देश के लिए न्योछावर कर दिये, अपने व्यक्तिगत जीवन को भी
राष्ट्र की खातिर पनपने नहीं दिया,विवाह भी नहीं किया, अपना सब कुछ देश की
खातिर दाव पर लगा दिया,उसकी देशभक्ति के बदले सरकार ने उसे लुटेरा करार
दिया और उसे गुमनामी मे धकेलने की कोशिश की और ऐसा उसके साथ इसलिए हुआ
क्योंकि वह उस जाट जाति मे पैदा हुआ था जिसमे वीरता तो है पर राजनीतिक और
सामाजिक जागृति का अभाव है....... वही दुसरी और ये आलीशान कोठी उस पंडित
नेहरु की है जिसका सारा जीवन ऐयाशियों मे बिता और जिसने देशभक्ति को मजाक
बना कर रख दिया,भोग-विलास मे ही सारा जीवन बिता दिया, इसने जातिय वर्चस्व
को बढ़ावा दिया, ऐसे आदमी को सरकार व उसका समाज हर साल व समय समय पर याद
करते है, इसके नाम को जिन्दा रखा गया है क्योंकि वो जिस कौम से है उसमे
वीरता और देशभक्ति जैसे गुण हो या ना हो, वो राजनीतिक और सामाजिक रूप से
जाग्रत और क्रियाशील है|
मेरे भाइयो,आपकी चेतना और जाग्रति से ही आपके समाज को उसका अधिकार मिल सकता है इसलिए खुद भी जागो और ओरो को भी जगाओ|
साभार : संदीप ठाकरान
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