अभिनेता आमिर ख़ान का कहना है कि जाट और खाप दोनों ही जंगली एवं असभ्य होते हैं। किसी को कोई हक़ नहीं है किसी का उपहास करे और यह कौम सारे विश्व में अपना परचम फहरा रही है।
मोटी रकम हज़म कर टीवी पर देशभक्ति का ढोंग करने वाले इस पाखंडी को यह
ज्ञात होना चाहिए देश में मात्र 3 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली यह
स्वाभिमानी कौम न सिर्फ भारतीय फ़ौज कि रीढ़ की हड्डी है बल्कि भारतीय
अर्थव्यवस्था की भी। देश में अन्न के भण्डार भरने वाली अकेले इस मेहनती कौम
द्वारा समूचे राष्ट्र का 70 फीसदी अनाज उपजाया जाता है। GDP की भाषा समझने
वाले इस ज्ञानी को बताएं तो 25 प्रतिशत योगदान सिर्फ इसी कौम का है।
इतिहास के पन्ने उठाओगे तो ज्ञान होगा की मुगलों तथा अंग्रेज़ो के शासन का
अंत करने में इसी बलिदानी कौम का योगदान अहम था। इस
शख्सियत कि मूर्खता को और सदैव अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाने वाली इस कौम
के शौर्य को काले अक्षरों में समेटना असम्भव कार्य होगा।
आज भी सरहद की रक्षा तथा शहीद होने वालों में जाट सबसे ज्यादा हैं।
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