बड़ा ज़ालिम है ज़माना
नहीं है इस बात से कोई भी अनजाना
मदहोश हैं सभी इस मयखाने में
होश में भी कह देते बाते अनजाने में
भाई को भाई चूतड़ो पर गोली मारने को तैयार
जिनसे लेना देना नहीं उन्हें बनाएं राखै यार
बकरों की औलाद को घी का रखवाला बना बैठे
अपनों का ही सुख तबियत से ऐंठे
नाना तरतीब निकाली इस संसार में
अपने आप उलझ गए जंजाल में
अब समय का खेल देखो
माँ बाप होते फिरे दुखी
एक गाड़ी बालक ज़ाम राखै
आगे वह औलाद रह पायेगी सुखी
खिड़की से बूढ़ा बूढ़ी झाँके
पहले पाले खा के रूखी सूखी
अब तरकारी पड़ी ही बांसे
हर्ज़ मर्ज़ ओट की आन बान रखी
छोटी सी आफ़त से हांफै
'हरपाल' पूली आँधी तै बचा की राखी
फुसका ने ठान मैं खाँसे।
नहीं है इस बात से कोई भी अनजाना
मदहोश हैं सभी इस मयखाने में
होश में भी कह देते बाते अनजाने में
भाई को भाई चूतड़ो पर गोली मारने को तैयार
जिनसे लेना देना नहीं उन्हें बनाएं राखै यार
बकरों की औलाद को घी का रखवाला बना बैठे
अपनों का ही सुख तबियत से ऐंठे
नाना तरतीब निकाली इस संसार में
अपने आप उलझ गए जंजाल में
अब समय का खेल देखो
माँ बाप होते फिरे दुखी
एक गाड़ी बालक ज़ाम राखै
आगे वह औलाद रह पायेगी सुखी
खिड़की से बूढ़ा बूढ़ी झाँके
पहले पाले खा के रूखी सूखी
अब तरकारी पड़ी ही बांसे
हर्ज़ मर्ज़ ओट की आन बान रखी
छोटी सी आफ़त से हांफै
'हरपाल' पूली आँधी तै बचा की राखी
फुसका ने ठान मैं खाँसे।
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