मॉम की मूर्ती भी उन्ही की होती
संसार में अद्भुत होती
अपनी पहचान विशिष्ठ बनाई होती
रब की शफी उन्ही पे न्योछावर होती
ज़माने के साथ पहचान होती
हिम्मत सबको साथ ले चलने की होती
ज़ुल्मो हयात को पछाड़ने की होती
अपनों की टोली होती
संसार में अद्भुत होती
अपनी पहचान विशिष्ठ बनाई होती
रब की शफी उन्ही पे न्योछावर होती
ज़माने के साथ पहचान होती
हिम्मत सबको साथ ले चलने की होती
ज़ुल्मो हयात को पछाड़ने की होती
अपनों की टोली होती
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