जाट संग्राम
हो जाओ इकठ्ठे सब जन
कर लो अब एक मन
दिखा दो ज़ज़्बा ताक़त
बनाये रखो मजबूत संघ
मुँह न करना किसी और
निशाने पर रखो नक्षत्र
संग रखो सारा गण
जनता के हो तुम रक्षक
राखो धीरज एवं मान
हो सदियों से मेहनतकश
रखो खरी अपनी बात
आन बाण शान
© निर्मल खज़ाना
हो जाओ इकठ्ठे सब जन
कर लो अब एक मन
दिखा दो ज़ज़्बा ताक़त
बनाये रखो मजबूत संघ
मुँह न करना किसी और
निशाने पर रखो नक्षत्र
संग रखो सारा गण
जनता के हो तुम रक्षक
राखो धीरज एवं मान
हो सदियों से मेहनतकश
रखो खरी अपनी बात
आन बाण शान
© निर्मल खज़ाना
No comments:
Post a Comment