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Sunday, February 26, 2017

हीरा खज़ाना

हीरा खज़ाना

लहरों से न  डरे उसी  का नाम जाट है
धूल  मिट्टी  में  लगा रहे वही सच्चा जाट है
मन में इसके विश्वास अटल
खेत में कमाने की इसको अटकल
खाली खुड  यो कड़े न काढ़े
बिरच  जा तब  सबने  बाढ़े
खेत में यों 'हरपाल ' डटा रहे
फ़सल पौली में डाटने तक अटका रहे
अनाज घर में आये
सुख की नींद भाये
संघर्ष न तजै  यह सदा
नाराज़ हो जा ज्यादा यद्द कद्दा
जय जैकार  इसकी कोई करे न
अनाज निपजै फिर  भी पाए ना


© निर्मल खज़ाना 

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