और
और सब चाहे जो हो जात
राखें कंनै फाली पात
मन में कुछ परोसें दूजी बात
मारते इसको धोखे से लात
टेम पर देवें अचूक घात
दिखा देवें अपनी औक़ात
पर
चमार रहा साथ दिनों सात
कदेई ना "हरपाल " दी इसने मात
ना राख्या कदे दूजा नात
© निर्मल खज़ाना
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