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Monday, May 25, 2020

कालेर गौत्र का इतिहास :

कालेर गौत्र का इतिहास :


 महमूद गजनवी के आक्रमण के समय कालेरों ने गोगाजी की रसद व सैन्य सहायता की थी। चूँकि कालेरों के गोगाजी के साथ प्रगाढ़ संबंध थे। 
अतः गोगाजी के महमूद गजनवी के साथ युद्ध में शहीद हो जाने के बाद उनकी शहीदी के उपलक्ष्य में चुरू में गोगामेङी का निर्माण करवाया तथा जहां-जहां गये वहां-वहां गोगामेङी का निर्माण करवाते हुए अपनी दोस्ती का प्रमाण दिया। 
कालांतर में भयंकर प्राकृतिक आपदाओं की वजह से वापस झुंझुनूं की तरफ रूख किया तथा अपने सरदार की निशानी बसाये शहर चुरू की याद में गांव का नाम चौराङी रखा। कई पीढियों के बाद थानाराम के पौतो (पूराराम के पुत्रो) ने कालेरों का बास बसाया। नारायणाराम कालेर के भाई जीवाराम ने जीवा का बास बसाया।

विकास कुमार कालेर

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