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Thursday, October 31, 2013

चली गई

                                                                  चली गई



इस  जिंदगी  का के करेगा,
खुड  भी चले गए ,चली गई  खुडी ,
मुंज की  खाट  चली गयी,चली गई मुढ़ी,
बोहिया चला गया ,चली गई हटड़ी ,
इंडी  चली गयी ,चली गई बछड़ी,
हाथ की चाक्की  चली गयी,चली गयी सघड़ी ,
धोती चली गयी ,चली गयी तारा की घड़ी,
देसी बीज चला गया ,चली गयी कमावनी बींदणी,
'हरपाल' वो मानस चला गया ,चली गयी ख़ुशहाल  ज़िंदगानी।।


हरपाल

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