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Friday, October 11, 2013

कसवा गोत्र का इतिहास

कस्वा ,कसवा .कुसवा,कुशवा,कुसवान गोत्र का इतिहास

कस्वा ,कसवा .कुसवा,कुशवा,कुसवान एक ही गोत्र है यह गोत्र राजस्थान ,हरियाणा ,पंजाब,उत्तर प्रदेश में निवास करता है
कसवा गोत्र के जाटो की उत्त्पतिके बारे में माना जाते है की यह भगवान श्री रामचंद्र के पुत्र कुश के वंशज है जबकि कुछ इतिहासकार इनको कुषाण वंशी मानते है ठाकुर देशराज मानते हैं यह यदुवंशी जाट है कि आरम्भ में यह सिन्ध में राज्य करते थे ।

ईसा की चौथी सदी से पहले जांगल-प्रदेश में आबाद हुए थे। इनके अधिकार में लगभग चार सौ गांव थेसीधमुख राजगढ़ तहसील में चुरू से 45 मील उत्तर-पूर्व में बेणीवालों की राजधानी रायसलानासे 18 मील दक्षिण-पूर्व में स्थित है. कर्नल टाड ने यद्यपि जाटों की कसवा शाखा का उल्लेख जाटों के प्रमुख ठिकानों में नहीं किया है लेकिन दयालदास, पाऊलेट, मुंशी सोहन लाल आदि ने कसवा जाटों को प्रमुख ठिकानों में गिना है .

उनके अनुसार कसवां जाटों का प्रमुख ठिकाना सीधमुख था और राठोडों के आगमन के समय कसवां कंवारपल उनका मुखिया था तथा 400 गाँवों पर उसकी सत्ता थीकसवां जाटों के भाटों तथा उनके पुरोहित दाहिमा ब्रह्मण की बही से ज्ञात होता है की कंसुपाल पड़िहार 5000 फौज के साथ मंडोर छोड़कर पहले तालछापर पर आए, जहाँ मोहिलों का राज था.

कंसुपाल ने मोहिलों को हराकर छापर पर अधिकार कर लिया. इसके बाद वह आसोज बदी 4 संवत 1125 मंगलवार (19 अगस्त 1068) को सीधमुख आया.
वहां रणजीत जोहिया राज करता था जिसके अधिकार में 125 गाँव थे. लड़ाई हुई जिसमें 125 जोहिया तथा कंसुपाल के 70 लोग मारे गए. इस लड़ाई में कंसुपाल विजयी हुए. सीधमुख पर कंसुपाल का अधिकार हो गया और वहां पर भी अपने थाने स्थापित किए .

सीधमुख विजय के बाद कंसुपाल सात्यूं (चुरू से 12 कोस उत्तर-पूर्व) आया, जहाँ चौहानों के सात भाई (सातू, सूरजमल, भोमानी, नरसी, तेजसी, कीरतसी और प्रतापसी) राज करते थे. कंसुपाल ने यहाँ उनसे लड़ाई की जिसमें सातों चौहान भाई मारेगए. चौहान भाइयों की सात स्त्रियाँ- भाटियाणी, नौरंगदे, पंवार तथा हीरू आदि सती हुई. सतियों ने कंसुपाल को शाप दिया, जिसके कारण पड़िहार कंसुपाल ने जाटों के यहाँ विवाह किया, जिसमें होने वाली संतान कसवां कहलाई. फाल्गुन सुदी 2 शनिवार, संवत 1150, 18 फरवरी, 1049, के दिन कंसुपाल का सात्यूं पर कब्जा हो गया. फ़िर सात्यूं से कसवां लोग समय-समय पर आस-पास के भिन्न-भिन्न स्थानों पर फ़ैल गएऔर उनके अपने-अपने ठिकाने स्थापित किए.

ज्ञानाराम ब्रह्मण की बही के अनुसार कंसुपाल के बाद क्रमशः कोहला, घणसूर, महसूर, मला, थिरमल,देवसी, जयसी और गोवल सीधमुख के शासक हुए.
गोवल के 9 लडके थे- चोखा , जगा, मलक, महन, ऊहड, रणसी, भोजा और मंगल.
इन्होने अलग अलग ठिकाने कायम किए जो इनके थाम्बे कहे जाते थे
.चोखा के अधिकार में 12 गाँव यथा दूधवा, बाड़की, घांघू, लाघड़िया,सिरसली, सिरसला, बिरमी, झाड़सर, भुरड़की इत्यादि.बरगा के अधिकार में हड़ियाल, महणसर, गांगियासर, लुटू, ठेलासर,देपालसर, कारंगा, कालेराबास (चुरू का पुराना नाम) आदि ,रणसी के अधिकार में जसरासर, दूधवामीठा, रिड़खला, सोमावासी, झारिया, आसलखेड़ी, गिनड़ी, पीथीसर, धीरासर, ढाढर, बूंटिया इत्यादि.जगा के अधिकार में गोंगटिया, बीगराण, मठौड़ी, थालौड़ी, भैंरूसर, इन्दरपुरा, चलकोई आदि तथा ऊहण के अधिकार में नोपरा, जिगासरी, सेवाटादा, मुनड़िया, रुकनसर आदि. इसी प्रकार अन्य थामों के नाम और गाँवों का वर्णन है

. परवाना बही राज श्रीबिकानेर से भी ज्ञात होता है की चुरू के आसपास कसवां जाटों के अनेक गाँव रहे थे यथा चुरू (एक बास), खासोली, खारिया (दो बास), सरसला, पीथुवीसींसर, आसलखेड़ी, रिड़खला (तीन बास), बूंटिया, रामसरा, थालोड़ी, ढाढर,भामासी, बीनासर, बालरासर, भैंरुसर (एक बास), ढाढरिया (एक बास) धान्धू, आसलू, लाखाऊ, दूधवा,जसरासर, लाघड़िया, चलकोई आदि.भाटों की बही के अनुसार कंसुपालके एक वंशज चोखा ने संवत 1485 माघ बदी 9 शुक्रवार (31 दिसम्बर 1428) को दूधवा खारा पर अधिकार कर लिया.

कसवा गोत्र के कुछ गाँव जयपुर जिले में चन्द्रपुरा चांदमा,नारेडा,रूपबास ,नयागांव ,धमाना, नोल्या
सीकर जिले में गाँव चाचीवाद बड़ा,,ढाणी बैजनाथ , हेतमसर ,ज्ञानपुर ,करंगा बड़ा,कुमास जाटान ,मुकुम्द्पुरा,रुकनसर ,टिरोकी छोटी

झुंझनु जिले में गाँव बहादुरवास ,भूरासर ,लुटू नयासरहनुमानगढ़ जिले में गाँवअलयाला ,अमरपुरा ,बरवाली ,बशीर,भाडी , भादरा ,भैरुछानी , भरवाना,बोलनवाली ,चौबारा ,दीनगढ गाँधी बड़ी ,जगासरी बड़ी ,जिगासरी ताल,कलाना , खाराखेडा .किरारा बड़ा औरछोटा .मेहरिया ,मुन्दरिया,मुन्दरिया बड़ा ,नगराना , पालड़ी,श्योरा टाडा,उतराधा बास

चुरू जिले में गाँवआसल खेड़ी ,आसलू, बाढकी,बालरासर,बास जैसेका , बीघरण , भैरूसर ,भामासी,भाड़ंग,भूरादकी ,बीनासर,बिरमी पट्टा,बूंटिया चलकोई खींचड़ान,डबरी छोटी,डालमाण,देपालसर,दुलचासर,ढाढर,ढाढरिया,धनि माना .दुधवा खेडा,दुधवा मीठा , घांघूगी नड़ी पटटा लोसना,गोडास,गोगटीया,हड़ियाल, झोथड़ा, इन्द्रपुरा ,जसरासर झारिया , झारसर ,कालरी,खारिया लड़ारिया ,लालासर ,लखाऊ,महनसर,तारानगर , माठोरी ,थालोरी,रामपुर , रिखाला ,पूनुसर,पीतीसर
बीकानेर जिले मेंकपूरीसर ,रंजीतपुरा ,सतसर , सोनियासर ,सुरनाणाजोधपुर जिले मेंखींचन ,लूना ,रतकुडिया,शैतानसिंह पूरानागौर जिले मेंडिगाना , गोटन ,रामनगर , खुशिया,लुनसरा ,मंडूकरा, निम्बोला,राजलोता रलियावता हरसोलव ,सांजू,सारडी ,तंवरा बाड़मेर हिरा की ढाणी
टोंक जिले में ताहरपुरा ,मौज झराना अलवर जिले खुडियाना

हरियाणा में गाँव गुडगाँव में मऊ फतेहाबाद में जांडवाला सोत्सिरसा मेंबन सुधार ,चौटाला , झोरड नाली , रोही ,माधो सिंघाना ,जंडवाला जाटान,निरवान ,पनिहारी  पन्नीवाला मोटा , तेजा खेड़ा,उमेदपुरा
उत्तरप्रदेश में बदायूँ जिले में नगला मंगोला ,सोनिगा खेडा
आगरा जिले मेंचार गाँव इस गोत्र के है 




courtsey ::   Jayant somra Jaat

40 comments:

  1. भाई साहब इसमें सिरसा जिले का बालासर गांव भी तो लिखो यहां भी कसवां गोत्र के लगभग 250 सदस्य हैं हम

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    1. हिसार के सुल्तानपुर मैं बी 300 के आस पास हैं

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  2. I proud of kaswan because I am a kaswan of rj 21

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  4. Bhai Bikaner me kesar desar jatan
    Me bhi लगभग kaswan ही h वो भी लिखो

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  5. Bhai shab esme to ajmer ki teseel bhinay me anewala gav raghunathapura to likha hi nhi esme bhi share ke share kaswa ह

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  6. म अजय कस्वां जिला चुरु तहसील रतनगढ़ गांव सुलखनीयां
    मुझे अपने पुर्वजों का इतिहास पढ कर बहुत अच्छा लगा सभी कस्वां परिवार एक रहे सभी सह कुसहाल रहे
    राम राम सा

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  7. M Rakesh kaswan jila Jhunjhunu

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  8. Kaswan समाज की कुल देवी कोन h Bhai

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  9. मुझे कस्वां होने पर गर्व है 💪💪

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  10. How to correctly write in hindi कसवां या कस्वा

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  11. Bhai sahab sarsana gav aur add kro is gav me total 3000 voto me 1000 vote kaswan ke h

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  12. Sir mera ganv ramsar bikaner me pura kaswan ka ganv h

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  13. नोहर तहसील के दलपतपुरा गांव में आज भी कसवां राज करते हैं 15से20साल लगातार सरपंच रहें ह राजपूत समाज से अलग अपना गांव बसाया है जिसे बुढ़े बुर्जुग खालसा कहते ह हनुमानगढ़ मे दलपतपूरा का नाम भी शामिल किया जाए,,,,, राम राम जय जाट

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  14. भाई साहब चूरू जिले के लोहसना छोटा मे भी ह।।

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  15. भाई साहब नागौर में गोनार्दा ग्राम में 500+ सदस्य कसवाँ है उसे डालो मुझे गर्व है कि मैं कसवाँ हुं!!!

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  16. Kaswan Ramsar गांव मैं 10000 की आबादी ह

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  17. S.k_choudhary_146🥰😍😍😍kaswa nagaur dist Rajasthan main bhi 500 Member hai
    I proud to be kaswa😍

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  18. Churu Rajasthan me Melusar bikan me bhi 68log hai

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  19. Panihari nhi, it's Panihar Chak, Hisar, Haryana

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  20. भाई साहब जी इसमें जोधपुर ज़िले के भोपालगढ़ तहसील के उस्तरां गाँव को भी ऐड करो जिसमें 100 से ज्यादा घर निवास करते हैं

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