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Saturday, November 2, 2013

महान गोकुला

औरंगज़ेब - अब भी क्षमा माँग लो गोकुला ऊँचा पद वेतन अच्छा पाओगे जीवन भर के लिए सुखी रह पाओगे । इस्लाम कुबूल कर लो।
गोकुला ने कहा -

       तेरी  क्या   औकात   हमे   जो   बाँटे  सके  जगीरे ।
       हम  भालो खङ्गो से लिखते खुद अपनी तकदीरे ।
       वेश  हमारा  नगर  हमारे  किसकी फिर जागीरे ।
      हमको है अधिकार लिखे हम मुग्लो की तकदीरे ।

     खोल हाथ पाँव फिर देखू कितने महाबली हो।  कुत्ता भी गाली दे देगा शेर अगर बन्दी हो ।। चेहरे पर मल लिया रक्त अपना ताजा ताजा और गरज कर कहा -देख ले ओ दिल्ली के राजा ।मेरे भारत मे ही केवल यह कमाल होता है मरते मरते भी मुखमण्ङल सुर्ख लाल होता है। 



साभार :

नरेन्द्र  जाखड़ 







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