औरंगज़ेब - अब भी क्षमा माँग लो गोकुला ऊँचा पद वेतन अच्छा पाओगे जीवन भर के लिए सुखी रह पाओगे । इस्लाम
कुबूल कर लो।
गोकुला ने कहा -
तेरी क्या औकात हमे जो बाँटे सके जगीरे ।
हम भालो खङ्गो से लिखते खुद अपनी तकदीरे ।
वेश हमारा नगर हमारे किसकी फिर
जागीरे ।
हमको है अधिकार लिखे हम मुग्लो की तकदीरे ।
खोल हाथ पाँव फिर
देखू कितने महाबली हो। कुत्ता भी गाली दे देगा शेर अगर बन्दी हो ।। चेहरे पर
मल लिया रक्त अपना ताजा ताजा और गरज कर कहा -देख ले ओ दिल्ली के राजा
।मेरे भारत मे ही केवल यह कमाल होता है मरते मरते भी मुखमण्ङल सुर्ख लाल
होता है।
साभार :
नरेन्द्र जाखड़
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