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Thursday, November 14, 2013

घड़ी

सम्मेलनों  में हम हमारे बहुमूल्य धन की इतिश्री  कर रहे हैं। इस धन को सही जगह उपयोग करें। मैं  तो यही  कहूँगा -

 टेम स इब भी ,संभल जा ज़रा  किमी बिगड़ा कोनी
धोली   दुपहरी  में   कसूती   झूठ   बोले
याह कित  सीख आया रेः  मानस भोले
कूण  से स्कूल में पढ़ी


अरे टेम स  इब  भी संभल  जा ज़रा  किमी बिगड़ा कोनी।

डांगर  तो सदा चराये
तू क्युँ  मानसा  न चरावे स

अरे टेम स  इब  भी संभल  जा ज़रा  किमी बिगड़ा कोनी।

अरे इब भी टेम स मान ले   कहना  मेरा
"हरपाल " प्रभु की तरफ़  ध्यान बटा  इब तेरा

अरे टेम स  इब  भी संभल  जा ज़रा  किमी बिगड़ा कोनी।

तेरी टूटी नैया न वोही  पार लगावेगा
साचे  मन तै सुमरण  कर बेड़ा  पार जावेगा

अरे टेम स  इब  भी संभल  जा ज़रा  किमी बिगड़ा कोनी।  


हरपाल

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