दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में भांजी का ब्याह मामा से कर देते हैं । आंध्र प्रदेश में यह चलन है हिंदुओं मे। शादी के उसे (लड़की ) पूछो कि कौन है ,तो जवाब मिलता है मामैया यानि मामा।
अपने उत्तर भारत में बणिये बिरादरी में अपना (खुद ) का गोत्र टालते हैं। एक जाट है जो तीन (खुद का ,माँ का और दादी का ) अब जाटों में भी दादी का गोत्र कई गोत्र नहीं टालते। नानी और दादी पादी कर दिया। लेकिन सांगवान ,श्योराण ,पुनिया तो तीन गोत्र अवश्य टालते हैं।
बड़े गोत्र जैसे चुरू मे पूनिया , सहारण, कस्वा ! भिवानी मे श्योराण , साँगवान , लाम्बा ! सोनीपत मे मलिक , दहिया ! जीन्द मे नैन ! यहा पर दिक्कत आती है रिश्ता करते वक़्त।
जाटों में अभी बचाओ है।
अपने उत्तर भारत में बणिये बिरादरी में अपना (खुद ) का गोत्र टालते हैं। एक जाट है जो तीन (खुद का ,माँ का और दादी का ) अब जाटों में भी दादी का गोत्र कई गोत्र नहीं टालते। नानी और दादी पादी कर दिया। लेकिन सांगवान ,श्योराण ,पुनिया तो तीन गोत्र अवश्य टालते हैं।
बड़े गोत्र जैसे चुरू मे पूनिया , सहारण, कस्वा ! भिवानी मे श्योराण , साँगवान , लाम्बा ! सोनीपत मे मलिक , दहिया ! जीन्द मे नैन ! यहा पर दिक्कत आती है रिश्ता करते वक़्त।
जाटों में अभी बचाओ है।
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