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Sunday, November 10, 2013

राजस्थान की जाट विभूतियाँ



जाट ज्वाला

जाटोँ की ''ज्वाला'' कभी ठंडी नहीं होती,

अदम्य शूरवीरों की यही तो पहचान है होती,,

यदि यह ''ज्वाला'' जाटोँ में न होती,
तो भारत के इतिहास में ना होते अनमोल मोती,

जाटोँ की आन-बाण-शान, है ये ''ज्वाला'',
तेजा और सुरजा जैसे वीरों की पहचान है ये ''ज्वाला''.

जब जब ये "ज्वाला" ठंडी पङने लगती थी,,
ये धरती तब तब नये जाटवीर जना करती थी,,

इतिहास के कुछ पन्नो पे हमको मलाल है,
जिनमें कुछ बिकाऊ बुजदिलोँ की मिसाल है,,

जिन्होंने जाट कौम की पहचान को दबाया,
साहस को दरकिनार कर कायरोँ का हुक्म बजाया,,

अगर जवाहर में ये ''ज्वाला'' का शोला ना भड़कता,
तो इस लालकिले पे जाटोँ का झंडा ना लहरता,

ये तो इसी जाट ''ज्वाला'' का कमाल था,
"इँकलाब जिँदाबाद"से गोरोँ का किया काम तमाम था,,

हे जाट वीरों, ना ठंडी पड़ने देना कभी ये ''ज्वाला'',
क्योंकि असली जाटोँ की पहचान है ये ''ज्वाला'',

जाटोँ की आन-बाण-शान, है ये ''ज्वाला'',
नाहर और चूङामन जैसे वीरों की पहचान है ये ''ज्वाला'',

जय जाट ज्वाला,,बुलंद करो जाट ज्वाला,....!!

 
लेखक :
बलबीर गिण्ठला 


 
 
 

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