Visitor

Monday, November 11, 2013

इंतकाम




जीवन की डगर जटिल  है
दूर अभी हमारी मंज़िल है
जाट सेना के लिए करो काम
कौम एकता में मिलेगा आराम
बेच कर ईमान को न बनाओ दाम
सबसे बड़ा है हमारा इंतकाम
खीचनी पड़ेगी  तुरन्त  लगाम
'हरपाल 'क्या तू सोचता है
हर राह सीधा होता है।


हरपाल

No comments:

Post a Comment