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Monday, November 4, 2013

जाट बिरादरी

आज फिर वही सवाल?    
क्या जाट ही हिन्दू हैं?
किसने साथ
दिया जाटों का?
कौन हुआ दुख दर्द में
शामिल?
किसने किया जाटों के
साथ दीपावली ना मनाने
का निर्णय?
मुज़फ़्फरनगर
दंगो में जाट बिरादरी
पर हो रही एक पक्षीय
कार्यवाही के विरोध
में जाट समाज ने
दीपावली ना मनाने
का निर्णय लिया वा इस
फैसले का पूरे जाट समाज ने
सम्मान करते हुये
दीपावली नहीं मनायी।
जो कथित
हिन्दुत्ववादी सारे दिन
फेसबुक पर कुत्ते की तरह
भौकतें हुये हिन्दुत्व
की दुहाई देते हुये जाट
समाज को शूली पर चढ़ने के
लिये उकसा रहे थे, उन्होंने
एक बार भी जाट समाज ने
निर्णय में
सहमति नही जतायी।
वे
सारा दिन शुभ दिवाली
कहते घूमते रहे, उन्होंने खूब
पटाखे फोड़े, खूब दीपक
जलाये। आपके घर के अँधेरे से
उन्हें कोई मतलब नहीं।
आज फिर देख लेना जाटों।
कोई
हिन्दुत्ववादी आपको आपके
त्योहार  गोवर्धन पूजा
की बधाई नहीं देगा।
कोई आपके पशुओं के लिये
शुभकामना नहीं देगा।
कोई आपकी फसल के उचित
दाम
की कामना नहीं करेगा।
कामना होगी कि गेहूँ
मुफ़्त मिले, चावल के साथ
दाल भी मिले, चीनी के
साथ चाय पत्ती व दूध
भी मिलना चाहिए,
किसी को आपकी चिन्ता नहीं,
  किसान (जाट) मरे
तो मरे।
आपकी फसल जल
रही थी  किसी हिन्दुत्ववादी ने
कुछ कहा?
आपके नलकूप खराब हुये
किसी हिन्दुत्ववादी ने
कुछ बोला?
इनके लिये जाट व
मुसलमान दोनों दुशमन है,
दोनो में से कोई मरे। 

साभार:

विनेश राणा  एवं  अभिषेक  चौधरी

1 comment:

  1. As discussed earlier our ideology is of Buddhism. We have no place in the Hindu ideology.Earlier we were placed in down trodden Scheduled list.Every one is jealous of his straight forwardness and simplicity. Unite Brave Jats!

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