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Wednesday, November 27, 2013

जाट को संयम से बोलो

हमलावर अहमदशाह अब्दाली ने कहा -
जितनी बार मैंने भारत पर आक्रमण किया, पंजाब में खतरनाक जाटों ने मेरा मुकाबला किया । भरतपुर, मथुरा व आगरा के जाट तो नुकीले काटों की तरह है । 
पं० इन्द्र विद्यावाचस्पति- जाटों को प्रेम से वश में करना जैसा सरल है, आँख दिखाकर दबाना उतना ही कठिन है ।

डॉ० रिस्ले - “When Jat  runs wild it needs God to hold him back   अर्थात् यदि जाट बिगड़ जाए तो उसे भगवान ही काबू कर  सकता     है ।”
विख्यात इतिहासकार यदुनाथ सरकार - जाट समाज में जाटनियां परिश्रम करना अपना राष्ट्रीय धर्म समझती हैं, इसलिए वे सदैव जाटों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य करती हैं । वे आलसी जीवन के प्रति मोह नहीं रखती ।
 

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