दहिया गोत्र का इतिहास हिंदी में भलेराम बेनीवालजी की पुस्तक जाट योद्धाओं का इतिहास (पृ.७०३-७०४) से लिया गया है। दहिया गोत्र को
राजा दहिभद्र से उत्पन्न मानते हैं. दहिया चंद्रवंशी गोत्र है. वैदिक काल में कैलाश पर्वत से लेकर हरिद्वार तक आबाद थे। बाद में ये लोग
ईसा से हजारों वर्ष पहले केस्पियन सागर, अरल सागर, सिर दरिया व अमू दरिया घाटी तक फ़ैल गए। . इनके ही नाम पर कैस्पियन सागर को दही या दहाय सागर कहा जाता है। ५२९ ई.पूर्व महान सम्राट सायरस का राज्य था। वहां मस्सागेटाई पर राजा अरमोघ की विधवा रानी
तोमरिस दहिया का राज्य था। सम्राट सायरस रानी से विवाह कर उसके राज्य को हड़पना चाहता था। उसने रानी के पास प्रस्ताव भेजा जिसे अस्वीकार करते हुए उत्तर दिया-"मैं जाट क्षत्रियानी हूँ अपना धर्म नहीं छोड़ सकती तथा अपने देश को तुम्हारे अधीन नहीं कर सकती." इतिहासकार हेरोडोटस के अनुसार यह युद्ध प्राचीन काल के सभी युद्धों से अधिक खून खराबे वाला था। इस युद्ध में सायरस मारा गया. महारानी ने सायरस का मृत शरीर खोज कर उसका सिर काट कर खून के भरे बर्तन में रख दिया और कहा मेरी प्रतिज्ञा के अनुसार तुम अपना ही खून पिओ। जाट इतिहासकार भीम सिंह दहिया लिखते हैं कि दहिया जाटों ने सिकंदर से भी युद्ध किया था। सिकंदर की सेना ने जाटों के भय से आगे बढ़ने से इनकार कर दिया था। दहिया जाटों का ईरान (फारस) पर राज्य था. राहुल सांकृत्यायन ने लिखा है कि दहिया लोग अच्च्कोटी के घुड़सवार व निशानेबाज थे। यूनानी लेखक स्ट्रेबो लिखते हैं कि दहिया लोगों ने पर्थिया को जीत कर राज्य स्थापित किया। दहिया लोग अपने पैत्रिक देश के अंदर कई बार वापिस आये। सिकंदर के साथ सैनिक रूप में और फिर कुषाणों के साथ आये। सिंध प्रान्त से ये राजस्थान में पहुंचे व राज्य स्थापित किये। जोधपुर के समीप किनसरिया गाँव में केवाय माता मंदिर में २१ अप्रेल ९९९ ई. में राजा चचराणा दहिया का लिखाया शिलालेख मिला है जिस पर लिखा है ।
"कुलम दहियाकम जाटम"
दहिया गोत्र के गाँव - दहिया गोत्र के लोग विदेशों के साथ-साथ राजस्थान, हरियाणा , उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से पाए जाते हैं। राजस्थान में
जोधपुर, अजमेर, मारवाड़ राजपूत शासक होने के कारण उनके प्रभाव से राजपूत बन गए। अम्बाला जिले की खरड़ तहसील में १२ गाँव दहिया राजपूतों के हैं। उत्तर प्रदेश में मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर जिलों में गांवों में दहिया गोत्र के लोग आबाद हैं। हरियाणा प्रान्त में मुख्य गाँव हैं - बरौना , खुरमपुर , गोपालपुर , नाहरा, नाहरी, कठौली, मन्डोरा , मंडोरी थाना , झरोट, रोहट , झरोटी, पीपली, खांडा,
सेहरी, भट गाँव, सिसाना , रतनगढ़ , नकलोई , बिधलाण , ककरोई , तुर्कपुर , तिहाड़ कानी खेडा बिरघाना, गढ़ी रिजक राम , फतेहपुर व
अन्य गाँव आबाद हैं।
साभार :
अमित दहिया
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