क्या आप जानते हैं ?
हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है।
उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये बात देखने में नहीं आती |
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |
च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये |
त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता है।
एक बार बोल कर देखिये ।
हम अपनी भाषा पर गर्व करते है परन्तु लोगो को इसका कारण भी बताईये |
इतनी वैज्ञानिक भाषा दुनिया की कोई भाषा नही है ..
यदि कोई है तो आप बताइये :
हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है।
उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये बात देखने में नहीं आती |
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |
च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये |
त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता है।
एक बार बोल कर देखिये ।
हम अपनी भाषा पर गर्व करते है परन्तु लोगो को इसका कारण भी बताईये |
इतनी वैज्ञानिक भाषा दुनिया की कोई भाषा नही है ..
यदि कोई है तो आप बताइये :
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