जाट हिलादे, जाट मिलादे, जाट करादे ठाठ-बाट।
जाट गिरादे, जाट उठादे, जाट दिलादे राजपाट।।
और अगर जाट के जी में आज्या तो.....
यदि जाट कै जी मैं आज्या, धरती आसमां मिला दे जाट।
आगे कदम बढ़ा ले तो, हर मंजिल सुलभ बना दे जाट।।
हाथ से हाथ मिला ले तो, पर्वत भी ठा दिखला दे जाट।
आपस के बैर भुला ले तो, सबको खुशहाल बना दे जाट।।
कट-कट जो बढ़ता ही रहा, बस ज्या तो फूल खिला दे जाट।
मिल जुल कै मेल बढ़ा ले तो, धरती को स्वर्ग बना दे जाट।।
ओमपाल ज्ञान के दीप जला, ज्योत से ज्योत जलादे जाट।
पढ़ लिखकर हो ज्या अगर सफल, सच्चा इतिहास बना दे जाट।।
साभार :
रोहित नैन
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