इल्लुमिनाती के 5 हथियार -------------------
विश्व में 5 बड़ी संस्थाए है जिसके जरिये दुनिया को मुर्ख बनाया जा रहा है, ठगा जा रहा है, लूटा जा रहा है, बर्बाद किया जा रहा है ! ये 5 संस्थाए अपना असली चेहरा छुपाने के लिए कुछ अच्छा काम भी करते है ताकि लोगों को पता ना लगे !
1. IMF (आई एम एफ): - गरीब देश, विकासशील देशो की मुद्रा का अवमूल्यन करना और अमेरिका की कागज़ की टुकड़ो का मूल्य बढ़ा देना ! विश्व की मुद्राओं का मुल्यांकन बहुत अन्याय और पक्षपातपूर्ण तरीके से करता है ! जिससे अमेरिका और यूरोप के बहुराष्ट्रीय कंपनी, बैंक जादा से जादा मुनाफा कमा सके ! [मुद्रा के मूल्य पर अत्याचार]
2. WORLD BANK (वर्ल्ड बैंक): - पूरी दुनिया के आम लोगों का पैसा इकठ्ठा करके उनको अपने ही हितों के लिए लगा देना, पक्षपातपूर्ण वितरण करना ताकि अमेरिका और यूरोप के बैंक को फ़ायदा हो ! [आर्थिक अत्याचार]
3. UNO (यूनाइटेड नेशनस आर्गेनाइजेशन) : - जो जो देश अमेरिका की बात न माने उनके ऊपर युद्ध थोपने का काम करता है जिससे अमेरिका और यूरोप के हतियार बनाने वाले कंपनियों का लाभ मिले ! [युद्ध के नाम पर अत्याचार]
4. WTO (वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन) : - पूरी दुनिया के गृह उद्योग, लघु उद्योग और छोटे व्यापारी को ख़तम करके उसकी जगह पर सिर्फ अमेरिका और यूरोपियन बहुराष्ट्रीय कंपनीयों का बर्चश्व कायम करने का षड्यंत्र रचति है अंतराष्ट्रीय संधियों के माध्यम से ! [व्यापार के नाम पर लूट]
5. WHO (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन) : - बीमारियों का भय, आतंक पैदा करना ताकि अमेरिका और यूरोपियन बहुराष्ट्रीय कंपनीया उनकी दावा गरीब, विकासशील देश में बेच सके और मुनाफा कमायें! [उपचार के नाम पर अत्याचार]
साभार :
आर्यवर्त भरतखण्ड संस्कृति
विश्व में 5 बड़ी संस्थाए है जिसके जरिये दुनिया को मुर्ख बनाया जा रहा है, ठगा जा रहा है, लूटा जा रहा है, बर्बाद किया जा रहा है ! ये 5 संस्थाए अपना असली चेहरा छुपाने के लिए कुछ अच्छा काम भी करते है ताकि लोगों को पता ना लगे !
1. IMF (आई एम एफ): - गरीब देश, विकासशील देशो की मुद्रा का अवमूल्यन करना और अमेरिका की कागज़ की टुकड़ो का मूल्य बढ़ा देना ! विश्व की मुद्राओं का मुल्यांकन बहुत अन्याय और पक्षपातपूर्ण तरीके से करता है ! जिससे अमेरिका और यूरोप के बहुराष्ट्रीय कंपनी, बैंक जादा से जादा मुनाफा कमा सके ! [मुद्रा के मूल्य पर अत्याचार]
2. WORLD BANK (वर्ल्ड बैंक): - पूरी दुनिया के आम लोगों का पैसा इकठ्ठा करके उनको अपने ही हितों के लिए लगा देना, पक्षपातपूर्ण वितरण करना ताकि अमेरिका और यूरोप के बैंक को फ़ायदा हो ! [आर्थिक अत्याचार]
3. UNO (यूनाइटेड नेशनस आर्गेनाइजेशन) : - जो जो देश अमेरिका की बात न माने उनके ऊपर युद्ध थोपने का काम करता है जिससे अमेरिका और यूरोप के हतियार बनाने वाले कंपनियों का लाभ मिले ! [युद्ध के नाम पर अत्याचार]
4. WTO (वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन) : - पूरी दुनिया के गृह उद्योग, लघु उद्योग और छोटे व्यापारी को ख़तम करके उसकी जगह पर सिर्फ अमेरिका और यूरोपियन बहुराष्ट्रीय कंपनीयों का बर्चश्व कायम करने का षड्यंत्र रचति है अंतराष्ट्रीय संधियों के माध्यम से ! [व्यापार के नाम पर लूट]
5. WHO (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन) : - बीमारियों का भय, आतंक पैदा करना ताकि अमेरिका और यूरोपियन बहुराष्ट्रीय कंपनीया उनकी दावा गरीब, विकासशील देश में बेच सके और मुनाफा कमायें! [उपचार के नाम पर अत्याचार]
साभार :
आर्यवर्त भरतखण्ड संस्कृति
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