JAT GAZETTE
Interpetation............the debate continues..............
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Tuesday, December 3, 2013
क्यों कि हम जाट है।
हर तलवार पे जाटो की कहानी है
तभी तो दूनीया जाटो की दिवानी है
मिट गये जाटो को मिटाने वाले
कयो कि आग मे भी जाटो की जवानी है
तभी कहते है कमाने वाले आठ है और खाने
वाले साठ हैँ। फिर भी हमारे ठाठ हैं।
क्यों कि हम जाट है।
साभार :
पुनीत चौधरी
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