"कभी कभी सोचता हूँ , क्या जाट होना एक अलग एहसास है ,
क्या इन रगों में बहता खून कुछ खास है ,
लेता हूँ हथियार हाथो में किसी की जान बचाने को ,
झुक जाता किसी का साचा प्यार पाने को ...
डरता हूँ बस रब से उसका आशीष पाने को ...
मर जाता हूँ अपने देश की आन बचाने को ...
यह देख पता लगा "जाट " होना कुछ खास है,
इसलिए एक जाट के दिल में यह अलग एहसास है,
हाँ जाट होना कुछ खास है , शायद बहुत खास है ..."
साभार :
विपिन नरवत
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