बदलती चाल
जाटों का ख्याल न्यारा
ताश लगने लगा प्यारा
पगड़ी से किया किनारा
झूठी चौधराट का सहारा
अनेकों सभा ओर इशारा
"हरपाल "मुस्तकबिल है डूबा
समझ आया क्या मंसूबा।
आपस में जूते ले बज़ा
टेम स कर लो आपस मैं रज़ा
एक रहो उसी नें निराला मज़ा
ग़ौरों की नीति पे चल पड़ा
आपना आछा लागे न खड़ा
धक्के से तम्बू राखे गड़ा
कहे को झूठी शान पे अड़ा
कौम को ख़ुद ही रहा सड़ा
जाटों का ख्याल न्यारा
ताश लगने लगा प्यारा
पगड़ी से किया किनारा
झूठी चौधराट का सहारा
अनेकों सभा ओर इशारा
"हरपाल "मुस्तकबिल है डूबा
समझ आया क्या मंसूबा।
आपस में जूते ले बज़ा
टेम स कर लो आपस मैं रज़ा
एक रहो उसी नें निराला मज़ा
ग़ौरों की नीति पे चल पड़ा
आपना आछा लागे न खड़ा
धक्के से तम्बू राखे गड़ा
कहे को झूठी शान पे अड़ा
कौम को ख़ुद ही रहा सड़ा
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