सागीड़ा
जाट के नाम पे सदा उठे बखेड़ा
निस्वार्थ भाव से दुश्मनों को खदेड़ा
झूठों को सदा ही उखेड़ा
मारा झटाक से लपेड़ा
टेक दिया ज़ोर से सपेड़ा
जाट होता है बड़ा तकड़ा
इसको सभी क़ौमों ने जकड़ा
पाल लेता खड़ा लफ़ड़ा
धमका देता वहीं खड़ा
बात पे रहे सदा अड़ा
धरती माँ से है यह जुड़ा
धोखा सदा उसके पीछे पड़ा
शांति का है यह घड़ा
"हरपाल " दिलवाला है जाट बड़ा
काम निकालते इससे अड़े से अड़ा
इसने तो झूठा राखै चढ्डा
खोद्या राख्न आगे इसके खड्डा ।
© निर्मल खज़ाना
जाट के नाम पे सदा उठे बखेड़ा
निस्वार्थ भाव से दुश्मनों को खदेड़ा
झूठों को सदा ही उखेड़ा
मारा झटाक से लपेड़ा
टेक दिया ज़ोर से सपेड़ा
जाट होता है बड़ा तकड़ा
इसको सभी क़ौमों ने जकड़ा
पाल लेता खड़ा लफ़ड़ा
धमका देता वहीं खड़ा
बात पे रहे सदा अड़ा
धरती माँ से है यह जुड़ा
धोखा सदा उसके पीछे पड़ा
शांति का है यह घड़ा
"हरपाल " दिलवाला है जाट बड़ा
काम निकालते इससे अड़े से अड़ा
इसने तो झूठा राखै चढ्डा
खोद्या राख्न आगे इसके खड्डा ।
© निर्मल खज़ाना
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