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Saturday, February 4, 2017

अनोखी कला

अनोखी कला 


जाट  न माने कोई जात  पात
पहना इसने सदा अपना कात
कमाया इसने "हरपाल " दिनों सात
राखे   सदा  यह  अपनी  बात
मेहनत  करी  दिन  रात


© निर्मल खज़ाना 

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