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Sunday, February 5, 2017

जांबाज़

जांबाज़ 

जान को जोखिम  में डाले  सदा
देश पर मिटने की इसकी न्यारी अदा

क़ुर्बानियों  की लंबी इसकी गाथा
ढ़ेरों  इसकी संसार में कथा

 सच्चाई नेकी से है लदा
मक्कारों को सबक सीखाए  यदा  कदा

प्यार के बोल से "हरपाल " ज़ान  देने को  जद्दा
जाट  को जितना  काटा  उतना बदया



© निर्मल खज़ाना 

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