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Monday, July 3, 2017

ड्रामा मेलोड्रामा

चीन अपनी निति में कामयाब है
उसका यहाँ माल बिक  रहा है
वह बंद नहीं होने वाला
चीन ने सब पता कर डाला

इस खेल का कोई वज़ूद नहीं

हमारे साथ टेम पे इनमे से कोई नहीं
हाँ कूटनीति बढ़िया है
बहुत कुछ समझना है

ड्रामा मेलोड्रामा नहीं हो

अपना वज़ूद ना खो
शिक्षा निति में बदलाव ज़रूरी है
नाश की पाती आगे पडी है

ओ तेरे की  यह तो भूल ही गया
'हरपाल ' कमाल कर गया 
संभल जाओ और  बेहतर करो
खामखा छेछर न करो

कौम  हित की  सोचो 
आपस में न  नोचो 

زندگی بدل رہی ہے

جاٹ کی زمین نہ رہی
جاٹ کی وہ شان بھی نہ رہی
نہ رہا وہ آسمان
جاٹ کا وجود ختم ہو رہا
نہ رہا وہ احترام
"ہرپال" کیا سوچتا ہے رے
ظلم کو گم شوم سہتا رہا
رشتوں کی مشکل آ رہی
زندگی بدل رہی ہے رے
بھائیوں کی بیل گل رہی
جاٹ نے ماں کی خدمت کری ہے رے
ملک کی سرحد پہ کون جائے گا رے
اب یہ فکر کھا رہی ہے رے
ماں بھارتی کی شان کون بچائے گا رے

Sunday, July 2, 2017

ज़िंदगी बदल रही

जाट की जमीन न रही
जाट की वह शान भी ना रही
न रहा वह आसमान
न रहा वह सम्मान
जाट का वज़ूद ख़तम हो रहा
ज़ुल्मो को गुम शूम सहता रहा
रिश्तों  की कठिनाई  आ रही
भाइयों की बेल गल रही

ज़िंदगी बदल रही है रे
"हरपाल " क्या सोचता है रे
देश की सरहद पे कौन जायेगा रे
जाट ने माँ की सेवा करी है रे

अब ये चिंता खा रही है  रे
माँ भारती की  शान कौन बचाएगा रे