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Monday, October 7, 2013

गन्ने की आग-साम्प्रदायिकता की आग

गन्ने की आग से भड़क सकते हैं शोले साम्प्रदायिक हिंसा की आग की दबी हुई चिंगारी गन्ने की फसल में आग लगाये जाने की घटनाओं से शोले का रूप ले सकती है। पिछले कई दिनों से जनपद में किसानों के गन्ने के खडे खेत फूंके जा रहे हैं, जिससे एक सम्प्रदाय के किसानों में जबरदस्त आक्रोश फूटने लगा है। एक समुदाय के लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर उनकी कमर तोडने की साजिश के चलते पिछले दो दिनों में किसानों का लगभग 18 लाख रूपये का गन्ना फूंका जा चुका है। जनपद में पिछले दिनों फैली साम्प्रदायिकता की आग अभी पूरी तरह शान्त नहीं हुई है। कत्लोंगारत का सिलसिला बंद हुये भले ही महीनों बीत गया हो, किन्तु छिटपुट घटनाओं का दौर अभी भी जारी है। साम्प्रदायिकता की आग बेशक चिंगारी बन चुकी है, किन्तु अभी भी चिंगारी को हवा देकर शोला भडकाने की कोशिशें लगातार जारी है। कभी नाम पूछकर हमले किये जा रहे है, तो कभी पैन्ट उतरवाकर हत्याएं की जा रही है। साम्प्रदायिक हिंसा को अब योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। जनपद में धीरे-धीरे साम्प्रदायिक हिंसा साईलेंट वार का रूप लेती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक सम्प्रदाय के लोगों की आर्थिक रूप से कमर तोडने की साजिश की जा रही है। इसी साजिश के चलते एक सम्प्रदाय के किसानों के ईंख के खेतों में पिछले कई दिनों से आग लगायी जा रही है। तितावी क्षेत्र में दर्जनों किसानों का लगभग 86 बीघा ईंख पिछले दो दिनों में जलाकर राख कर दिया गया, तो वहीं फुगाना क्षेत्रा के लांक, बहावडी में भी दर्जनों किसानों के ईंख के खडे खेत जला दिये गये। जिस तरह से साईलेंट वार चल रहा है उस पर काबू पाना बेहद मुश्किल काम दिखायी दे रहा है। जंगल में फोर्स तैनात करना या किसानों द्वारा ही निगरानी किये जाना आसान काम नहीं है। वैसे भी जिन क्षेत्रों में हिंसा हुई है वहां सभी शस्त्र लाईसेंस निरस्त कर दिये गये है। बिना शस्त्र लाईसेंसों के किसानों के लिये जंगल में अपनी फसल का पहरा देना खतरे से खाली नहीं है। ईंख में आग लगाये जाने की घटनाएं लगातार हो रही है तथा लगभग 18 लाख रूपये से अधिक का गन्ना अब तक जलाया जा चुका है। गन्ने की यह आग एक बार फिर जिले के अमन-चैन को ग्रहण लगा सकती है। इस पर रोक न लगी, तो सम्प्रदायिकता की दबी चिंगारी एक बार फिर शोला बन सकती है, जिससे जिले की शांति को पलीता लग सकता है। यदि जनपद में इसी तरह किसानों की गन्ने की फसल फुंकती रही, तो क्षेत्र में शांति व्यवस्था की बहाली के लिये आये मंत्राी समूह की सारी कोशिशें बेकार हो जायेंगी

Courtsey: Sodhan Singh Tarar

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