बलभी सवंत (जाटों दुवारा चलाया गया संवत )
इस संवत को शरू करने का श्रेय रघुवंशी बालियान जाटों को जाता है इस संवत
का जिक्र इतिहासकार कनिघम ने ओ.ही सी। 1862 -63 जिल्द -1 पेज 149 पर
किया है यह संवत बालियां वीरो ने हर्षवर्धन कि बहिन को छुड़ा लेने के बाद
शुरू किया इसका साक्ष्य सपादलाक्ष (नागौर) के पास मिला है चौ कबूलसिंह जी
अपने पूर्वजो के इस संवत को 7 वि सदी का मानते है जब कुछ बालियाण जाट
राजस्थान से देशखाप के पास आकर बसे थे
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