सन
2007 में अखिल भारतीय जाट महासभा के
प्रयासों से पता लगा कि बिहार के कई इलाकों में यथा पटना, सहरसा, मधेपुरा,
सुपौल, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, गया, औरंगाबाद तथा भागलपुर जिलों में जाट
बिखरे पड़े है। इनकी आबादी 84 गाँवों में पाई जाती है। इन्हें ये चौरासी
जाट कहते हैं।
इनके प्रमुख गोत्र हैं:
महलौत, चौपड़ , खंगूरा, बालियान, रावत, कुंडल, भूरा, गेमर, मीठा आदि।
ये जाट वहां प्राचीन समय से आबाद है। इनमें पर्दा-प्रथा का रिवाज नहीं है। इन जाटों को बिहार राज्य में पिछड़ी जाति का आरक्षण मिला हुआ है। पटना
जिले के गाँव चवरा में एक जाट विद्यालय है। 8 अगस्त 2009 को मेरठ में
आयोजित जाट महा सम्मलेन में बिहार से कुछ जाट आये हुए थे।
जिनमें वहाँ की जाट महासभा के प्रतिनिधि प्रधान चौधरी शिवनाथ सिंह खंगुरा और महासचिव चौधरी उत्तम कुमार बाल्यान साथ आये थे।
साभार :
मानवेंद्र सिंह जाट
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