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Tuesday, November 5, 2013

जाटों का खेलों में योगदान

जाटों का खेलों में योगदान

आज सभी जाट भाइयो को ये बताने जा रहा हूँ कि जाटों का भारतवर्ष के नाम का डंका बजने के लिए कितना कुछ किया है । भारतीयों द्वारा जीते गये पदकों में कितनी संख्या जाटों कि है आप पढ़कर सहज ही अंदाजा लगा सकते है कि किसी भी अन्य जाति के मुक़ाबले जाट जाति का योगदान काफी ज्यादा है ।
1.खेल - बैडमिंटन
ओलिंपिक पदक - 1
जाटों द्वारा जीते पदक - 1
प्रतिशत - 100 %
2. खेल - बॉक्सिंग
ओलिंपिक पदक -2
जाटों द्वारा जीते पदक -1
प्रतिशत -50 %
वर्ल्ड चैंपियनशिप पदक - 2
जाटों द्वारा जीते पदक -1
प्रतिशत -50 %
वर्ल्ड कप में जीते पदक -4
जाटों द्वारा जीते पदक -2
प्रतिशत -50 %
नोट : महिला बॉक्सिंग में कविता चहल दो बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पदक जीत चुकी है
3.खेल - कुश्ती
ओलिंपिक पदक - 4
जाटों द्वारा जीते पदक - 2
प्रतिशत - 50 %
वर्ल्ड चैंपियनशिप पदक - 9
जाटों द्वारा जीते पदक - 8
प्रतिशत -88.9 %
नोट : 1. वर्ष 2010 में सुशिल कुमार सोलंकी ने इस प्रतियोगिता में गोल्ड जीता था |
2. वर्ष 1997 में रमेश कुमार गुलिया ने वर्ल्ड कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था |
4. खेल - शूटिंग
मानवजीत सिंह संधु ने वर्ष 2006 में वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में ट्रैप इवेंट में गोल्ड जीता । 2009 में शूटिंग वर्ल्ड कप में कांस्य तथा 2010 में गोल्ड जीता । 2010 में सीमा तोमर ने शूटिंग वर्ल्ड कप में रजत पदक जीता ।
5. खेल - रोइंग
बजरंग लाल ताखर ने वर्ष 2010 में एशियाई खेलों में गोल्ड जीता | वर्ष 2013 में स्वर्ण सिंह विर्क ने एशियन रोइंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता |
6 खेल -पैरालिम्पिक्स ( भाला फैंकना )
वर्ष 2004 में देवेन्द्र झाझड़िया  ने पैरालिम्पिक्स में गोल्ड जीता । वर्ष 2013 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता |
7. वर्ल्ड मेडिकल एंड हेल्थ गेम्स
वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2013 तक मेजर डॉ सुरेन्द्र पुनिया  ने इस प्रतियोगिता में 20 पदक जीते जिसमे 7 गोल्ड थे |
तो ये सब पढ़कर आप सब सहज ही अंदाजा लगा सकते है कि जाटों का खेलों में योगदान अतुलनीय है |
 
साभार : : अमनदीप सिंह नैन
 
 
 

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