जाट : मुझे संस्कृत सीखा दो न।
पंडितजी: क्यों जजमान ?
जाट : ये देवताओं की भाषा है, स्वर्ग में काम आएगी न।
पंडितजी: अगर नरक में गया तो??
जाट: लठ बजाने में तो P.H.D कर राखी स।
साभार :
हितेश्वर हुड्डा
पंडितजी: क्यों जजमान ?
जाट : ये देवताओं की भाषा है, स्वर्ग में काम आएगी न।
पंडितजी: अगर नरक में गया तो??
जाट: लठ बजाने में तो P.H.D कर राखी स।
साभार :
हितेश्वर हुड्डा
No comments:
Post a Comment