गतांग से . . . . . . .
हालात....... 3
मतलब की यारी देखो
मौके पे मक्कारी दखो
अहसानों को भूलता देखो
छोरा न मलंग रहता देखो
अब
सपने देखो
साकार होता देखो
दूध दही का खाना देखो
राम लखन का प्यार दखो
हरयाणा की खुशहाली देखो
क़िले में मन सरसों देखो
भाईयों का प्यार देखो
छोरियाँ की कदर देखो
रिश्ते होता देखो
पुरानी बाते याद करता देखो
©निर्मल खज़ाना
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