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Thursday, March 16, 2017

عجب......تین

دھند کا سایہ
آنچل

آسماں
کھلنے کا انتظار
کوئی اور
نہیں فراق
اب تو
موسم بہار کا
ہے انتظار
موسم
گے مست

کھلیں گے
کمل
توڑیں گے مشت
یہی ہے روایت



© نرمل خزانہ

Wednesday, March 15, 2017

عجب....دو

جانوروں بولے
کھانے کی
انتظام کرو
اس
رکاوٹ کو
دور کرو

چیتے نے اٹھایا
بڑا فائدہ
توڑے قانون القاعدہ

کھایا

سب سے الےدا

سنگھ
بیٹھا بے بس
کبھی کبھی
گرذے

لیکن
دھند میں
دھند میں
نہیں
کوئی اثر

بیٹھا رہا
بربس
بے بس
بدلہ قدرت
کی قانون سازی


بالترتی

Tuesday, March 14, 2017

عجب

لوگ ٹھٹھرے
جانور
ڈھونڈے کونا
منو سب کا
قد ہو گیا بونا
سنگھ ہوا بے بس
لومڑی کھیلے چال
بچھائی بساط
بھیڑ، بھیڑیوں
چیتے بھیڑیا
لكڑبگھا

نانا قسم
جانوروں ہوئے اكٹھا
ٹھنڈ سے ٹھيٹھر
اٹھے
جانوروں بولے



بالترتیب .........

Sunday, March 12, 2017

होली है

होली की शुभ कामनाएं। आप सब को हर दिन  हर पल मंगलमय हो। होली के रंगों के तरह जीवन में विविधता  कायम रहें।
सदैव  खुशहाली  कायम रहे।
सम्पूर्ण विश्व में शांति कायम हो। भाईचारा  बिना किसी सीमा के बढे।

सब को होली की मंगल कामनाएं



حالات ......تین

मतलब की यारी देखो
मौके  पे मक्कारी दखो
अहसानों  को भूलता  देखो
छोरा  न मलंग रहता देखो

अब 

مطلب کی یاری دیکھ سکتے ہیں
موقع پہ مکاری دكھو
اهسانو کو بھولتا دیکھ سکتے ہیں
چھورا نہ ملنگ رہتا دیکھ سکتے ہیں

اب

خواب دیکھ سکتے ہیں
احساس ہوتا دیکھ سکتے ہیں
دودھ دہی کا کھانا دیکھ سکتے ہیں
رام لكھن کی محبت دكھو
هرياا کی خوشحالی دیکھ سکتے ہیں
قلعے میں ذہن سرسوں دیکھ سکتے ہیں
بھائیوں کی محبت دیکھ سکتے ہیں
چھوريا کی قدر دیکھ سکتے ہیں
رشتے ہوتا دیکھ سکتے ہیں
پرانی باتیں یاد کرتا دیکھ سکتے ہیں




© نرمل خزانہ


Saturday, March 11, 2017

حالات....... دو

لالی کو اتر چہرہ دیکھ سکتے ہیں
چوپال کے خستہ حالات دیکھ سکتے ہیں
ریڑھ کی ہڈی میں حقہ غلط دیکھ سکتے ہیں

پنچایتی کا زمانہ دیکھ سکتے ہیں
بھیڑ کی پاڑي بناتے دیکھ سکتے ہیں
خشک گھاس سی مچھے دیکھ سکتے ہیں

بیکار مروڑ دیکھ سکتے ہیں
جھوٹا اهم دیکھ سکتے ہیں
باہمی بغض اظہار نظر
بھائی نہ بھائی کا دشمن دیکھ سکتے ہیں

چوہے بلی کا پیار دیکھ سکتے ہیں
جھوٹی گرمی دیکھ سکتے ہیں
اچھے کو بدنام ہوتا دیکھ سکتے ہیں
گردن کاٹنے والوں کا هےذ دیکھ سکتے ہیں



بالترتیب ......... .....

Thursday, March 9, 2017

Jat Almighty

Jat Almighty

Jat is very inspiring
Ready for firing
Pay their billing
Never believe in killing
Is Always thrilling
Talks never drilling

Always straight forward
              Never grilling

He is hot
     Never chilling

To help always willing
In heart has good feeling
He is high as ceiling
Says direct no skiing
Full of enthusiasm

      "Harpal" always zeal in
He is healthy
      Never believe pill in

Minds his wording
Jealosy he never brings
He is dynamic
    comes with zing
He is undisputed king
No one dare to ring

None to clip his wings
Glory always you sing
He is almighty SINGH




© Nirmal Khazana

Tuesday, March 7, 2017

حالات




ہریانہ کا حال دیکھ سکتے ہیں
دودھ نہ ڈولو میں دیکھو
گھی کا پیپا ڈاکٹر کی نظر
لسی میں ذہن پانی دیکھ سکتے ہیں
ساگه مرچ کی چٹنی دیکھ سکتے ہیں

چپکی چپکی گال دیکھ سکتے ہیں
رخی رخی داڑھی دیکھ سکتے ہیں
سیاہ مٹی کا حال دیکھ سکتے ہیں
قلعہ میں سرسو دماغ سات دیکھ سکتے ہیں
كھےتا میں خشک چارہ طیار دیکھ سکتے ہیں

بعد میں سر پیر کریٹ ڑھوتا دیکھ سکتے ہیں
ڈاگرا کا بدحال دیکھ سکتے ہیں
بھینسا کا دودھ کلو آٹھ دیکھ سکتے ہیں
مانسا نہ تاش پیٹتا دیکھ سکتے ہیں
لگاييا نہ ذکر کرتے نظر آتے ہیں
چھورا کے ہاتھ میں بیٹ دیکھ سکتے ہیں
لالی کو اترا چہرہ دیکھ سکتے ہیں




كرمش- ......

Monday, March 6, 2017

मंथन

धरने पर  जा बैठे जाट 
हठी  हो गए जाट 
उपद्रवी बना दिए  जाट
असामाजिक तत्व 
इनके आगे सरकार  झुक जाएगी  


यह अल्फाज़ जब पढ़ते  हैं या कानो में आते  हैं तो  अंदर जलजला  उठता है।  अंदर ही अंदर चिंतन एवं मंथन  शुरू हो जाता है। 
जाटों  की परम्परा ,सभ्यता  को करारा  झटका लगाने  के प्रयास। 
यह है मेहनतकश भोली कौम है  जो किसी का भी बुरा नहीं चाहती   किन्तु  और इसे कतई पसंद नहीं करते। 
यह मुँह  पर  स्पष्ठ बोलने वाला प्राणी है। 
अगर ज़िद पे आ जाये तो  तो वो गण गीत याद आ जाता है    . . . . . .  सर कटा  सकते  हैं लेकिन सर  झुक सकते नहीं। 

जाट एक आज़ाद पंछी है  इसको भूका  की कुछ भी करवा लो लेकिन आँख दिखा के नहीं 
यह जाट सरहद पर दुश्मन को उसकी घूर से निकाल कर चीर डालता है। इस कौम के चरचे पूरी  दुनिया में  मशहूर है। यह  एक बार अपनी बात पर अड़ गया तो यो एकदम छीनी  का टूक स।  मज़े  की बात गलत बात पे कम  ही अड़ता है। अड़ गया तो अंगद का पैर  मजाल कोई हटा दे। कोई हटाये तो खुद अंगद। 

जाट एक ऐसी कौम है जो देना जानती है जिसने सदा दिया है क्योकि भगवन के बाद जाट आता है  जो सिर्फ देता है। इस मर्द कौम ने सदा दिया है। 

 महानुभवो  ने इसे भूला  बहकाकर तबियत से निचोड़ा मरोड़ा 
इस सूदी  कौम को कहीं का नहीं छोड़ा 
अब लगने लगी यह रोड़ा 
इसको मारना छह हथौड़ा 


किन्तु 

यह कौम तो अनंत युग से है 
वज़्र फौलाद  इसका बदन है
पीछे मुड़ना इसने नहीं सिखा  है
ये विशेष रब का बंदा  है 


जाट को उसकी ताक़त याद दिलानी पड़ती है  
जयघोष  सुन पीछे  मुड़ती  नहीं है   
रूहानी  साथ इसके साथ है 
झूठ पाखंड इसके आस पास न है  


  

Sunday, March 5, 2017

अज़ब 3

गतांग  से।  . . .  . . .  

अज़ब  3


बन्दर करे 
गुणगान

कोई नहीं 
है अनजान 
लोमड़ी की चाल 
बड़ी बेचाल 
मचाई हलचल 
कोहरे का छाया 
आँचल 

आसमाँ  
खुलने का इंतज़ार   
कोई और 
नहीं फ़िराक़ 
अब  तो 
वसंत का 
है इंतज़ार 
मौसम 
होगा मस्त 

खिलेंगे 
कमल 
तोड़ेंगे हस्त 
यही है परंपरा 



©निर्मल खज़ाना 

Saturday, March 4, 2017

अज़ब 2

गतांग  से  . . . . .  

अज़ब  2 



पशु बोले 
खाने की 
व्यवस्था करो 
इस 
व्यवधान को 
दूर करो 

तेंदुए ने उठाया 
बड़ा फायदा 
तोड़े कानून कायदा 

खाया 

सबसे अलेदा 

सिंह 
बैठा  बेबस 
कभी कभी 
गरज़े 

किन्तु 
कोहरे में 
कोहरे में 
हुआ नहीं 
कोई असर 

बैठा रहा 
बर्बस 
बेबस 
बदला कुदरत 
का विधान 


क्रमशः    ....... 

Friday, March 3, 2017

अज़ब

अज़ब 


शाम ढली 
कोहरा छाया 
लोग ठिठुरे 
जानवर 
ढूंढे  कोना 
मानो सब का 
कद हो गया बोना 
सिंह हुआ बेबस 
लोमड़ी खेले चाल 
बिछाई बिसात 
भेड़ ,भेड़िये 
तेंदुआ सियार 
लकड़बघा 

नाना प्रकार 
पशु हुए इकठा 
ठण्ड से ठीठुर 
उठे
पशु बोले 



क्रमशः......... 

Thursday, March 2, 2017

हालात....... 3


गतांग  से   . . .  . . .  . 


हालात....... 3 

मतलब की यारी देखो
मौके  पे मक्कारी दखो
अहसानों  को भूलता  देखो
छोरा  न मलंग रहता देखो

अब

सपने देखो
साकार होता देखो
दूध दही का खाना  देखो
राम लखन का प्यार दखो
हरयाणा की खुशहाली  देखो
क़िले  में मन सरसों  देखो
भाईयों  का प्यार देखो
छोरियाँ  की कदर देखो
रिश्ते  होता देखो
पुरानी बाते याद करता देखो




©निर्मल खज़ाना





Wednesday, March 1, 2017

हालात 2


गतांग  से  . . . .  . 

हालात 

लाली का उतर चेहरा देखो 
चौपाल की जर्जर हालात देखो 
काठ का हुक्का गलत देखो 

पंचायती का ज़माना देखो 
भेड़  की पाड़ी बनाते देखो 
सूखे घास सी मुछे देखो 

बेकार मरोड़ देखो 
झूठा अहम् देखो 
आपसी द्वेष भाव देखो 
भाई न भाई का दुश्मन  देखो 

चूहे बिल्ली  का प्यार देखो 
झूठी  गर्मी देखो 
अच्छे  को बदनाम होता देखो 
गर्दन काटने वालों  का   हेज़  देखो 



क्रमशः  .........   .....