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Thursday, October 31, 2013

                                                         

                                                 उर्ज़ावान  प्रयास





आपको यह ब्लॉग में जाट कौम की महत्वपूर्ण जानकारियां  प्राप्त होती रहेंगी लेखक हरपाल  ने  कौम हित  के प्रयास को एक ऊर्जावान  रूप प्रदान किया है।लेखक ने कौम उत् थान  के लिए उन गुण सुत्रों  को छुआ  है,  बखूबी छुआ है  जिसके बारे में पहले किसी ने इस बारे में मंथन न किया हो। गौरवशाली कौम  की  बुलंदियों पर  जो गर्द  जम रही है उसको देखने का प्रयास किया है। इस गौरवशाली कौम के ख़ज़ाने से हीरे निकलते हैं जिसके  सुशील  नर कौम हित में निर्मल सुमन की  सौरभ दूर तक फैलती  है।

यह विधि का विधान ही सर्वश्रेष्ठ  है  जहाँ अनिकेत  अड़ा  रहे।  कौम के शौर्य की विजय गाथा का दीप रवि की  भाँती  उज्जवल  रहे तथा पवन संघ ब्रह्मांड  में फैले  तथा गौरवमय इतिहास का प्रतिक बने।

मुझे पूर्ण विश्वास  की  हमारा प्रयास जाट कौम के लिए प्रेरणा वर्धक  एवं  इशीक  आद्यांत  रहेगा।  लेखक के परिश्रम  की  पाठकगण कद्र करेंगे।

आशा करता हूँ हमारी लेखनी आप सब की आवाज़ बनेगी।


आप हमें  अपने विचार भेजते रहें  जो की  हमारी चिंतन को ऊर्जावान रखेगी। आप हमें  jat.gazette@gmail.com और  erecharz@gmail.com पर अपने विचार एवं अपने  लेख़  भेज सकते हैं। हमें आप फेसबुक पर

भी  मिल सकते हैं।
हम ज़ल्दी ही पत्रिका तथा अख़बार  का संचालन  करेंगे। आप सबको सूचित कर दिया जायेगा।

शुभकामनाओं  सहित ,

हरपाल 

चली गई

                                                                  चली गई



इस  जिंदगी  का के करेगा,
खुड  भी चले गए ,चली गई  खुडी ,
मुंज की  खाट  चली गयी,चली गई मुढ़ी,
बोहिया चला गया ,चली गई हटड़ी ,
इंडी  चली गयी ,चली गई बछड़ी,
हाथ की चाक्की  चली गयी,चली गयी सघड़ी ,
धोती चली गयी ,चली गयी तारा की घड़ी,
देसी बीज चला गया ,चली गयी कमावनी बींदणी,
'हरपाल' वो मानस चला गया ,चली गयी ख़ुशहाल  ज़िंदगानी।।


हरपाल

Wednesday, October 30, 2013

जाट विराट

जाट हर बात हर सवाल की काट रखता है.
गदिँश मे हिम्मत विराट रखताहै.
जाटो ने कई बार बताया जमानेको,
शेर का जिगर तो बस जाट रखता है।
 
 
साभार ::
सिद्धार्थ  ठोलिया

जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़

"रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है..."

"रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है,
जलती सारी दुनिया हमसे फिर भी सर पर ताज है,

डरता कभी न मेहनत से, रहता हमेशा बिंदास है,
वैसे तो है सीधा साधा, अंदाज भी बड़ा ख़ास है,
लेकिन कोई अगर गलत करे तो करता उसका नाश है,

सची इसकी दोस्ती साचा इसका प्यार है,
मीठे बोल बोलदे कोई जाट बन जाता उसका यार है,

रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है,
सही-सही काम करता हमेशा, बड़ो को इस पर नाज है,
हर कोई खुश हो जाये हमेशा करता ऐसा काज है,
गलत काम करने में आती इसको हमेशा लाज है,

रहता जहाँ-जहाँ जाट वहां-वहां जाट का राज़ है..."
 
 
 साभार ::
सुनील दहिया

جاٹ رب دا بندا

جاٹ   رب   دا  بندا
ہر ڈم  کالا  راہ

جاٹ   کی  کوئی  کا ڈار ن کار دا
کہانی تبدیلی ک

کوئی بات ن جاٹ کے لیص سر پہ راہ

مشرف کی لکی تصدیق نہیں
دری پار نکالا
کبھی  ہمت نہ

اے چوہدری الدین کرایہ
شیر  کی  تارا  داہر


ویتلا

ਅਦਾਮੰਤ

                         ਅਦਾਮੰਤ



ਜਾਤ   ਰਾਬ  ਦਾ  ਬੰਦਾ  ਹੇਗਾ  
ਹਰ  ਘੜੀ ਤੇਯ ਪਾਰ ਜਾਏਗਾ
                     ਓਹ੍ਨ ਦੀ ਕੋਈ ਕਦਰ ਨਹੀ ਕਰਦਾ
                      ਕਹਾਨਿਯਾ   ਉਸ  ਤੇਯ  ਅੰਗ ਹੇਗੇ
ਉਸ ਕੁਲ ਬੋਲਾਂ ਵਾਸਤੇ ਕੋਈ ਗਲ ਨਹੀ  ਹੇਗੀ
ਉਸਦਾ ਸਬਰ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਿਖਰ ਤੌ ਰਾਹਾਂ ਦਾ ਸੀ
                        ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨਿਯਾ ਦੀ ਕੋਈ ਫਿਕਰ ਨਹੀ
                          ਸਬਤੋ  ਬੀਚ  ਤੋ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦਾ
ਓ   ਕਬੀ   ਨਹੀ   ਗਾਭ੍ਰਾਂਦਾ
ਉਂਦੇ ਕਭੀ ਆਂਸੂ ਨਹੀ ਆਂਦਾ
                            ਬੁਲਾਨ੍ਦੀਯਾ ਬਿਨਾ ਪੰਖ ਛੂ ਲੇੰਦਾ
                              ਗਰਜਾਂ  ਹੋਂਦੀ  ਜਬ   ਵੋ   ਗਾਂਦਾ
ਜਾਤ   ਬੁਲੰਦ  ਹੋਂਦਾ
ਜਾਤ ਨਿਰਾਲਾ ਹੋਂਦਾ                        




ਹਰਪਾਲ

Adamant

                                                    Adamant



Jat is God's institution
He taken all  situation

                        No  one ever value him
                          Story   are   his    limb

He  has  no  issues   to  speak
His patience is always at peak

                         He  damn care the troubles
                          Yokes through the jumbles

He   never   fears
Never bring tears

                          Rises high without wings
                           Roars   while   he  sings

Jat is dynamic
Jat   is  terrific





Harpal

Tuesday, October 29, 2013

మా మతం జాట్

మా మతం జాట్
జాట్ H మా విలువ కలిగిన
మానవత్వం యొక్క జాట్ పేరు
జాట్ పేరు commiserative
ధైర్యం జాట్ పేరు
దేశభక్తిని జాట్ పేరు.


హర్పాల్

جاٹ ہمارا مذہب

جاٹ ہمارا مذہب
جاٹ ه ہمارا مذہب
جاٹ نام انسانیت کا
جاٹ نام ہمدردی کا
جاٹ نام ہمت کا
جاٹ نام حب الوطنی کا.


هرپال

ਜਾਤ ਹਮਾਰਾ ਧਰਮ

ਜਾਤ ਹਮਾਰਾ ਧਰਮ 
ਜਾਤ ਹਮਾਰਾ ਮਜ਼ਹਬ 
ਜਾਤ ਨਾਮ ਇਨ੍ਸਾਨਿਯਤ ਕਾ 
ਜਾਤ ਨਾਮ ਹਮਦਰਦੀ ਕਾ 
ਜਾਤ ਨਾਮ ਹਿਮ੍ਮਤ ਕਾ 
ਜਾਤ ਨਾਮ ਦੇਸ਼੍ਭਾਕਤੀ ਕਾ 

ਹਰਪਾਲ 

जाट हमारा धर्म

जाट हमारा धर्म 
जाट  हॆ  हमारा  मज़हब 
जाट नाम इंसानियत का 
जाट  नाम  हमदर्दी   का 
जाट  नाम हिम्मत   का 
जाट  नाम  देशभक्ति का।
 

हरपाल 

ਵਿਸ਼ਵਾਸ


                                    

                             ਵਿਸ਼ਵਾਸ



  ਹਮ ਦਗਾਬਾਜ਼ ਕਭੀ ਨਾ ਥੇ
ਲੇਕਿਨ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਜੀਤ  ਨਾ ਸਕੇ
ਮਨ ਨੇ ਕਭੀ ਕਿਸੀ ਕੋ ਧੋਖਾ ਨਾ ਦਿਯਾ
ਫਿਰ ਭੀ ਕਭੀ ਪ੍ਯਾਰ ਨਾ ਪਾ ਸਕੇ । 

                       ਹਮ ਦਗਾਬਾਜ਼ …………… ।।
ਦਿਲ ਮੇਂ ਅਰਮਾਨ ਥੇ ਬਡੇ
ਪਰ ਸਾਥ ਨਾ ਚਲ ਸਕੇ
ਦੁਨਿਯਾ ਨੇ ਹੁਮ੍ਕੋ
ਬੇਵਫਾ ਸਮ੍ਜ਼ਾ  ਸਦਾ ।
                   
                      ਹਮ ਦਗਾਬਾਜ਼……………।।

ਸਬਨੇ ਹਉਮੇ ਲੂਟਨਾ ਚਾਹਾ
ਹੁਮਨੇ ਕਿਸੀ ਕੋ ਕਭੀ ਨਾ ਲੂਟਾ
ਫਿਰ ਭੀ ਸਦਾ ਲੁੱਟਤੇ  ਰਹੇ । 

                     
                     ਹਮ ਦਗਾਬਾਜ਼……………।।
               

ਯਹਾਂ ਪਰ ਅਕੇਲੇ ਚਲੇ ਜਹਾਂ ਕੋਈ ਨਾ ਚਲਾ
ਹਮ ਅਕੇਲੇ ਹੀ ਨਿਕਲ ਪੜੇ
ਕਿਸੀ ਨੇ ਸਾਥ ਨਾ ਦਿਯਾ ।

                   ਹਮ ਦਗਾਬਾਜ਼…………… ।।

ਦਿਲ ਨੇ ਸਬਕੋ ਸਾਥ ਦੇਣਾ ਚਾਹਾ
ਅਉਰੋ ਨੇ ਝੂਟਾ ਬਨਾਯਾ
ਇਸ ਦਿਲ ਕੋ ਤੋੜ ਦਿਯਾ ।

                  ਹਮ ਦਗਾਬਾਜ਼ ……………. . ।।


ਹਰਪਾਲ 

విశ్వాసము



                                      
విశ్వాసము

మేము పాము ఉన్నాయి ఎప్పుడూకానీ విశ్వాసం గెలవలేరు . .మైండ్ , ఎవరైనా మోసం లేదుఇంకా లవ్ కాలేదు .

                      
మేము పాము .................అర్మాన్ , ఒక పెద్ద గుండె ఉందికానీ తో అమలు చెయ్యవచ్చుప్రపంచ మాకుఎల్లప్పుడూ విశ్వాసం తలపోశారు.
                  
                     
మేము పాము .................
ప్రతి ఒక్కరు మమ్మల్ని దోచుకుంటున్నారని కోరుకున్నాడుమేము ఎవరైనా దొంగతనం ఎప్పుడూఇంకా ఎప్పుడూ

                    
                    
మేము పాము .................
              
ఇక్కడ ఉన్న ఎవరైనా ఒంటరిగా లేదుమేము ఒంటరిగా ఏర్పాటుఒక చేయలేదు .

                   
మేము పాము .................
అందరూ గుండె కోరుకున్నాడుఇతరులు తప్పుడు చేసినహృదయాన్ని ముక్కలు .

                  
మేము పాము ................ . ..

హర్పాల్

یقین



                                      
یقین

ہم دگاباذ کبھی نہ تھےلیکن یقین جیت نہ سکے. .دل نے کبھی کسی کو دھوکہ نہ دیا،پھر بھی کبھی پیار نہ پا سکے.

                      
ہم دگاباذ .................دل میں ارمان تھے بڑے،پر ساتھ نہ چل سکےدنیا نے ہمیںبے وفا سمجھا ہمیشہ .
                  
                     
ہم دگاباذ .................
سب نے ہمیں لوٹنا چاہاہم نے کسی کو کبھی نہ لوٹاپھر بھی ہمیشہ لٹتے رہے.

                    
                    
ہم دگاباذ .................
              
یہاں پر اکیلے چلے جہاں کوئی نہ چلاہم اکیلے ہی نکل پڑےکسی نے ساتھ نہ دیا.

                   
ہم دگاباذ .................
دل نے سب کو ساتھ دینا چاہااوروں نے اسے جھٹھا بنایااس دل کو توڑ دیا.

                  
ہم دگاباذ ................ . ..

هرپال

विश्वास


                                      विश्वास 


हम दगाबाज़  कभी न थे 
लेकिन विश्वास जीत न सके। । 
मन ने कभी किसी को धोखा  न दिया ,
फिर भी कभी प्यार न पा  सके। 

                      हम दगाबाज़ …………… ।।
दिल में अरमान थे बड़े ,
पर साथ न चल सके
दुनिया  ने  हमें
बेवफ़ा  समझा सदा।
                   
                     हम दगाबाज़……………।।

सबने हमें लूटना चाहा 
हमने किसी को कभी न लूटा 
फिर भी सदा लुटते रहे। 

                     
                    हम दगाबाज़……………।।
               

यहाँ पर अकेले चले  जहाँ कोई न चला
हम अकेले ही निकल  पड़े
किसी ने साथ न दिया।

                   हम दगाबाज़…………… ।।

दिल ने सबको साथ देना चाहा 
औरों  ने इसे झुठा  बनाया 
इस दिल को तोड़ दिया।

                  हम दगाबाज़ ……………. . ।।


हरपाल 

डेंगू का उपचार

डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चार चीज़ें रोगी को दें : १) अनार जूस २) गेहूं घास रस ३) पपीते के पत्तों का रस ४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व।  अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l - पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l - गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l कृप्या इन सब को मिक्सर में डालकर रस ना  निकालें। यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l आपके द्वारा किया गया शेयर ना जाने किस किस की जान बचा दे।  इसे अधिक से अधिक बताएं।

Monday, October 28, 2013

जाट अद्वितीय

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पिछले पांच हजार साल से भारत के भाग्य निर्णायक युद्ध हरियाणा  की वीर-भूमि में लड़े जाते रहे हैं । धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भाई से भाई का जो युद्ध हुआ उसमें ऐसी परम्परा पड़ी कि आज भी इस धरती पर भाई से भाई लड़ता कतराता नहीं । और इसी हरयाणे की पवित्र भूमि के ठीक मध्य में दिल्ली है जो न्यूनाधिक अपनी स्थापना से आज तक इस राष्ट्र की राजधानी चली आई है । हजारों साल से वे देश के स्वातन्त्र्य युद्धों में सामूहिक रूप से भाग लेते आये हैं । परन्तु इतिहास में उनके अमर बलिदानों की कहानी का उल्लेख नहीं हुआ है । जाट रणभूमि में अपने जौहर बार-बार दिखला चुका है, फिर भी राजपूत, सिख, मराठों जैसे युद्ध सम्बन्धी प्राचीन दन्त-कथायें उसके भाग्य में नहीं हैं । परन्तु अपनी मातृभूमि के लिए जिस दृढ़ता से जाट लड़ सकता है, उनमें से कोई भी नहीं लड़ सकता । अधिक से अधिक प्रतिकूल परिस्थिति में भी पूर्ण रूप से शान्त बने रहने और घबरा न उठने की प्राकृतिक शक्ति से जाट भरपूर होता है । भय तो जाट को छू भी नहीं सकता । जो भी चोट उस पर पड़ती है, उससे वह और भी कड़ा बन जाता है । उद्योग और साहस में तो जाट अद्वितीय होता है । शारीरिक संगठन, भाषा, चरित्र, भावना, शासन-क्षमता, सामाजिक परिस्थिति आदि के विचार से जाट ऊँचा स्थान रखता है ।
 
रोहित नैन

राजा हर्षवर्धन

छठी शताब्दी में जाट राजा हर्षवर्धन उत्तर भारत के सर्वशक्तिमान् सम्राट् थे जिनके राज्य-प्रबन्ध की प्रशंसा चीनी यात्रियों ने भी की है । इन्हीं के राज्य में बाण जैसा कवि था जिसके सम्बन्ध में प्रसिद्ध है कि "बाणोच्छिष्टं जगत् सर्वम्" । संस्कृत साहित्य का कोई ऐसा शब्द न होगा जिसका बाण ने प्रयोग न किया हो । सौलह सौ वर्ष पूर्व उत्तर भारत में जाटों के अनेक उदाहरण थे जिनमें रोहतक का यौधेयगण राज्य सर्वाधिक प्रसिद्ध था । यहाँ के वीर क्षत्रियों ने अपने रक्त की अन्तिम बूंद तक बहाकर पंचायती राज्य की रक्षा के लिए अकथनीय बलिदान दिये । उनके समृद्धिशाली राज्य की कहानी रोहतक का खोखरा कोट पुकार-पुकार कर कह रहा है । थानेसर, कैथल, अग्रोहा, सिरसा, भादरा आदि इनके प्रसिद्ध जनपद थे ।

१०२५ में जब महमूद गजनवी गुजरात के संसार-प्रसिद्ध देवालय सोमनाथ को लूटकर रेगिस्तान के रास्ते वापिस गजनवी जा रहा था तब भटिण्डा के जाट राजा विजयराव ने उसे सिन्ध के मरुस्थल में घेरा और उसकी असंख्य धनराशि अपने कब्जे में की तथा उसे खाली हाथ लौटने के लिए (प्राण बचाकर भागने के लिए) विवश किया । नौ सौ साल पहले बुटाना के जाटों ने अत्याचारी मुगलों को घातरट (सफीदों के पास) के मुकाम पर हराया और गठवाले (मलिक) जाटों ने पठानों को कलानौर में शिकस्त दी ।

मुगलिया सल्तनत के दौरान में हरियाणा के वीर-पुत्रों ने सर्वखाप पंचायत के मातहत अनेक लड़ाइयां लड़ीं और महत्वपूर्ण बलिदान दिये जो अलग ही लेख का विषय है । औरंगजेब ने ब्रज के गोकुला जाट को मुसलमान न बनने पर जिन्दा चर्खी पर चढ़ा दिया था और माड़ू जाट की जिन्दा जी खाल (चमड़ी) उतरवा ली थी । उसी समय बोदर के महन्तों की वैरागी फौजों में शामिल होकर जाट मुगलों से निरन्तर संघर्षरत होते रहे ।
साभार ::
रोहित  नैन   

राष्ट्र भाषा को सलाम

 

अपनी राष्ट्र भाषा को सलाम करो।
 
एक बार स्वामी विवेकानंद विदेश गए जहाँ उनके स्वागत के लिए कई लोग आये हुए थे उन लोगों ने स्वामी विवेकानंद की तरफ हाथ मिलाने के लिए हाथ बढाया और इंग्लिश में HELLO कहा जिसके जवाब में स्वामी जी ने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कहा... उन लोगो को लगा की शायद स्वामी जी को अंग्रेजी नहीं आती है तो उन लोगो में से एक ने हिंदी में पूछा "आप कैसे हैं"?? तब स्वामी जी ने कहा "आई एम् फ़ाईन थैंक यू"
उन लोगो को बड़ा ही आश्चर्य हुआ उन्होंने स्वामी जी से पूछा की जब हमने आपसे इंग्लिश में बात की तो आपने हिंदी में उत्तर दिया और जब हमने हिंदी में पूछा तो आपने इंग्लिश में कहा इसका क्या कारण है ??
तब स्वामी जी ने कहा........जब आप अपनी माँ का सम्मान कर रहे थे तब मैं अपनी माँ का सम्मान कर रहा था और जब आपने मेरी माँ का सम्मान किया तब मैंने आपकी माँ का सम्मान किया ।
यदि किसी भी भाई बहन को इंग्लिश बोलना या लिखना नहीं आता है तो उन्हें किसी के भी सामने शर्मिंदा होने की जरुरत नहीं है बल्कि शर्मिंदा तो उन्हें होना चाहिए जिन्हें हिंदी नहीं आती है क्योंकि हिंदी ही हमारी राष्ट्र भाषा है हमें तो इस बात पर गर्व होना चाहिए की हमें हिंदी आती है.....
क्या आपने किसी देश को देखा है जहाँ सरकारी काम उनकी राष्ट्र भाषा को छोड़ कर किसी अन्य भाषा या इंग्लिश में होता हो........यहाँ तक की जो भी विदेशी मंत्री या व्यापारी हमारे देश में आते हैं वो अपनी ही भाषा में काम करते हैं या भाषण देते हैं फिर उनके अनुवादक हमें हमारी भाषा या इंग्लिश में अनुवाद करके समझाते हैं......
जब वो अपनी भाषा नहीं छोड़ते तो हमें हमारी राष्ट्र भाषा को छोड़कर इंग्लिश में काम करने की क्या जरुरत है......?
 
सोचो और चेतो।  भाषओं  का ज्ञान  होना आवशयक  है किन्तु अपनी राष्ट्र भाषा को छोड़ कर   अन्य भाषा  में काम करने की क्या जरुरत है।

ईमानदार टैक्सी ड्राईवर





 यह कहानी एक ईमानदार सिख टैक्सी ड्राईवर लखविंदर सिंह ढिल्लों  जो मेलबोर्न में रहता है। उसने एक सौ   दस हज़ार  डॉलर  जो एक सवारी उनकी गाड़ी में छोड़ गई  थी  उनको वापिस करके ईमानदारी की मिसाल पेश की है।  ऐसे  ईमानदार  इंसान  ने इंसानियत  और जाट कौम ,देश का नाम ऊँचा किया है। ऐसे  व्यक्तितव को  सत  सत  नमन। 

Sunday, October 27, 2013

जाट जागो

मैं  चाहता हूँ  जाट  अपना  पुराना  शौर्य  कायम रखे। बदलती विचार धारा  की  तरफ बहने से रुके।
सब कुछ लुट चूका होगा। अभी  भी समय  है चेत लो नहीं तो आशियाना टूट चूका होगा।  संभलो  जाट कौम अभी भी समय है।                      

Maharaja Surajmal ka samrajya





Maharaja Surajmal fought bravely and without   any fear and proved his might and justice.  He was a true Jat.

लोहागढ

लोहागढ रक्षक जाटोँ की एक हुँकार-

वो शोकीन थे अपनी हुकुमत जमाने के,
मगर हम भी शोक रखते थे आजमाने के।
वो चाहते थे हमेँ अपने कदमोँ मेँ झुकाना,
मगर हमने भी लोहागढ मेँ शेर पाले थे।।

हम टूट जायेगे गद्दारो की भाँती समझौता कर,
बिक जायेगे पूर्वजो के मान का युँ सौदा कर।
नादानी थी यह उन गौरो की जो ये सोचा भी,
नित जोश मेँ पालता था हमे ये लोहा-गढ।।

सगी माँ का दूध पिया है ना कि विमाता का,
गुरूर हममे खानदान का, ना कि विलासिता का।
कटना जानते है मगर हक हङपने किसीको नही देते,
वजूद बचाना आता है हमे अपनी इस श्रेष्ठता का।।

संधियाँ तो शायद बुजदिल कर लिया करते है,
मगर जाट तो खून का नँगा नाच किया करते है।
आज देखेगे विदेशी इस रोटी मे दम है कितना,
जो भीख पर जिदगी बसर किया करते है।।

जीतना तो दूर, नजदीक फटक कर भी दिखादे,
औकात है तेरी तो जाटोँ से आज भिङ के दिखादे।
रक्त मेँ नहायेगी लोहागढ की प्यासी धरती आज,
दम है बाजू मे तेरे अगर तो आजा ये दाँव लगाले।।

आज का यह दिन कल का इतिहास बनेगा,
जब मालूम जाट शेरोँ का बलिदान पङेगा।
'तेजाभक्त' गायेगा अमर गाथा हम जाटोँ की,
तो जरुर जाटोँ का सोया हुआ इमान जगेगा।।
 
 
Courtsey::  Balbir Ginthala